धमतरी,1 नवंबर | प्रदेश में वर्ष 2015 से प्रदेश में कायाकल्प योजना संचालित है। इसके तहत 50 लाख रुपये जीतने जिला अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल में लाखों रुपये खर्च कर सुविधा बढ़ाई। अस्पताल को चकाचक किया, लेकिन पुरानी बिल्डिंग टीम को नहीं भाता और स्पर्धा से जिला अस्पताल बाहर हो जाता है। यही वजह है कि योजना शुरू होने के आठ सालों बाद भी जिला अस्पताल धमतरी को इस योजना के तहत पुरस्कार जीतने में सफलता नहीं मिल पाई है, हालांकि कोशिश पूरी की गई।
इस वर्ष भी कायाकल्प योजना के तहत जिला अस्पताल धमतरी का पिछले दिनों दुर्ग की पांच सदस्यीय डाक्टरों व अन्य अधिकारियों की टीम ने निरीक्षण तो किया, लेकिन पुरानी बिल्डिंग समेत अन्य सुविधाओं की कमी जिला अस्पताल में बताया गया है, ऐसे में इस बार भी पुरस्कार मिलने की उम्मीद नहीं के बतौर है। 47 साल पुरानी बिल्डिंग में 200 से अधिक बिस्तर जिला अस्पताल धमतरी में संचालित है। यहां मरीजों का उपचार जारी है, लेकिन प्रदेश सरकार की कायाकल्प योजना के लिए यह बिल्डिंग उचित नहीं है।
पुरानी बिल्डिंग के चलते पिछले आठ सालों में जिला अस्पताल को पुरस्कार जीतने का मौका नहीं मिला। दीवारों और स्लेप में सीपेज, प्लास्टर उखड़ा समेत कई अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी जिला अस्पताल है, लेकिन ट्रामा सेंटर बनने के बाद पुरस्कार जीतने की उम्मीदें जग सकती है। शासन से इसके लिए करोड़ों रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है, जल्द ही ट्रामा सेंटर जिला अस्पताल में बनेगा। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल धमतरी में ट्रामा सेंटर बनाने के लिए शासन की ओर से स्वीकृति मिल गई है।
जिला अस्पताल प्रबंधन के अनुसार ट्रामा सेंटर के लिए शासन से छह करोड़ 76 लाख रुपये की स्वीकृति हुई है। टेंडर जारी हो चुका है। सीजीएमएससी के माध्यम से बनाया जाएगा।ट्रामा सेंटर के लिए आकर्षक बिल्डिंग बनाई जाएगी। यहां मरीज व उनके स्वजन को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा। इस संबंध में धमतरी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा अरूण कुमार टोंडर ने बताया कि ट्रामा सेंटर की स्वीकृति मिली है। जिला अस्पताल धमतरी में ट्रामा सेंटर के लिए राशि स्वीकृत हो गया है। टेंडर भी हो चुका है। सीजीएमएससी की ओर से निर्माण किया जाएगा।