कहानी: एक 25 वर्षीय भारतीय लड़की राबिया के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अच्छी कमाई के लिए अवैध रूप से कनाडा चली गई है, अपनी माँ ( शिबा चढ्ढा ) से भावनात्मक रूप से जुड़ी है क्योंकि राबिया ने बहुत ही छोटी उम्र में अपने पिता को खो दिया। दूसरी तरफ, हम कनाडा की नौ वर्षीय ओलिविया को देखते हैं, जिसने कुछ साल पहले अपनी मां को खो दिया था और अब कनाडा में अपने पिता मार्क के साथ रह रही है। ओलिविया नाइट टेरर अटैक डिसऑर्डर से पीड़ित है जिसके कारण वह रात में जाग जाती है और बेकाबू होकर रोने लगती है। इस समस्या के कारण, उसके डॉक्टर द्वारा उसे लगातार दवाईयों के सहारे रखा गया है।
कहानी में चौकाने वाला मोड़ आता हैं जब पहले ओलिविया के पिता द्वारा बाल लापरवाही मामले में गिरफ्तार कर लिया जाता है और राबिया को गिरफ्तार कर लिया जाता है। ओलिविया की हालत पहले से कहीं ज्यादा खराब हो जाती है। अंतत: उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
ओलिविया की तकलीफ़ में देखकर राबिया के दोस्त ईशान और नासिर एक अत्यधिक चुनौतीपूर्ण मिशन पर निकल पड़े। वे राबिया को न्याय दिलाने के लिए कनाडाई और अन्य लोगों से अपील का एक ऑनलाइन अभियान शुरू करते हैं। उनके प्रयासों से अधिक से अधिक लोग उनके नेक मिशन के समर्थन में उनके साथ जुड़ जाते हैं। मीडिया, राजनेता और आम लोग एक साथ मिलकर एक इंसानियत का रूप धारण कर लेते हैं।
लेखन और निदेशक: लेखक निदेशक शादाब ख़ान ने एक बेहद ही इमोशनल कहानी को साधारण स्क्रीन प्ले के साथ प्रभावशाली तरीक़े से पर्दे पर दिखाते हैं । फ़िल्म के एक दृश्य में राबिया की माँ शिबा चड्ढा कहती हैं सब्र और प्यार सब ठीक हों जाता हैं । निर्देशक एक बेहद ही गंभीर विषय पर एक प्यारी सी फ़िल्म बनाने में सफल रहे हैं फ़िल्म दर्शकों को कोई संदेश या ज्ञान नहीं देती बल्कि अपने संवादों और दृश्यों ज़रिए दिल में उतर जाती हैं । निर्माता यूसुफ़ शैख़ के अंग्रेज़ी के संवाद के साथ ही फ़िल्म के गाने भी कमाल के लिखे हैं जो इस फ़िल्म को एक शानदार फ़िल्म बनाते हैं
अभिनय: फ़िल्म में राबिया के किरदार में नायाब ख़ान और ओलिविया के किरदार में हेलेना प्रिंज़ल क्रिंगल का अभिनय इस कहानी को पर्दे पर दर्शकों को जोड़ता हैं । फ़िल्म अधिकतर हिस्से में बहुत गंभीर विषय पर बात करती हैं लेकिन दोनों एक्टरस अपने किरदार को सशक्त अभिनय से कहानी को आगे बढ़ाते हैं । राबिया की माँ के किरदार में शिबा चड्ढा का अभिनय शानदार हैं वह अपने संवाद से किरदार के दर्द को महसूस कराने में कामयाब रहती हैं ईशान के किरदार में शादाब ख़ान और नासिर भाई के किरदार में अफ़रोज़ ख़ान के अभिनय में स्वाभिकता हैं ।
कलाकार: शीबा चड्ढा , नायब खान , हेलेना परिजेन क्लगुए , मुस्तफ़ा शेख़ , शादाब खान
निर्माता: यूसेफ़ शेख़
सह निर्माता: तमारा गज्जाज़
लेखक और निर्देशक: शादब खान
रेटिंग 3 स्टार