काठमांडू, 28 जून । नेपाल में पुष्प कमल दाहाल प्रचंड सरकार देश में हुए भ्रष्टाचार और अपराध के बड़े मामलों की फाइलें खोल रही है। फर्जी भूटानी शरणार्थियों के मामले की जांच के बाद प्रचंड सरकार ने काठमांडू के बलुवाटार में 13 अरब नेपाली रुपये की 7.3 हेक्टेयर जमीन हड़पने के मामले की फाइल खोल दी है।
नेपाल के जाने-माने कारोबारी मिन बहादुर गुरुंग और पूर्व चुनाव आयुक्त सुधीर कुमार शाह को नेपाल के प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास बलुवाटार के पास जमीन कब्जा करने के मामले में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में 2019 में 175 लोगों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। इनमें पूर्व उपप्रधानमंत्री विजय कुमार गछदार भी शामिल हैं । वह नेपाली कांग्रेस के नेता भी हैं ।
पूर्व प्रधानमंत्रियों डॉ. बाबूराम भट्टराई और माधव कुमार नेपाल का नाम भी इस मामले में जुड़ा थे। पूर्व उपप्रधानमंत्री विष्णु पौडेल के बेटे नवीन पौडेल और सुप्रीम कोर्ट के जज कुमार रेग्मी के नाम पर भी जमीन मिली थी। हालाँकि, उस समय उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था।
प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो पुलिस को फाइल खोलने का निर्देश दिया है। ऐसे में जब कुछ ताकतवर लोगों की छूट का मुद्दा उठ रहा है तो फाइल दोबारा खुलने से हलचल मच गई है।
प्रचंड सरकार पहले ही भूटानी शरणार्थी मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री टोप बहादुर रायमाझी और पूर्व गृह मंत्री बालकृष्ण खंड समेत 33 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है।
पशुपतिनाथ के स्वर्ण जलहरी में गबन की शिकायत मिलने के बाद नेपाल के अधिकार दुरुपयोग जांच आयोग ने अपनी जांच बढ़ा दी है।