नेपाल के पशुपतिनाथ में सोने की जलहरी में भ्रष्टाचार की आशंका पर जांच तेज

नेपाल के पशुपतिनाथ में सोने की जलहरी में भ्रष्टाचार की आशंका पर जांच तेज

काठमांडू, 26 जून । नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में 2021 में चढ़ाई गई 108 किलो स्वर्ण जलहरी में भ्रष्टाचार की आशंका पर जांच तेज कर दी गई है। नेपाल की भ्रष्टाचार की जांच करने वाली संस्था एब्यूज ऑफ अथॉरिटी इन्वेस्टिगेशन कमीशन की एक टीम रविवार रात पशुपतिनाथ मंदिर पहुंची और सोने की जलहरी निकालकर तौला।

कमीशन के मुताबिक सोमवार सुबह तक पशुपतिनाथ के जलहरी का वजन किया गया, लेकिन वजन का खुलासा नहीं हुआ है। प्राधिकरण ने कहा है कि वह विस्तृत जांच करेगा और सही जानकारी मुहैया कराएगा।दरअसल, पशुपति मंदिर परिसर के गर्भगृह में 2021 में स्वर्ण जलहरी चढ़ाई गई थी। उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने क्षमा पूजा की और स्वर्ण जलहरी चढ़ाई।

पशुपति क्षेत्र विकास निधि में केवल 106 किलो स्वर्ण जलहरी की शिकायत के बाद प्राधिकरण ने जांच बढ़ा दी है। जलहरी को पशुपतिनाथ के विभिन्न हिस्सों से जोड़ा गया है। चूंकि, सभी को बाहर निकाल कर जांच करनी थी, इसलिए श्रद्धालुओं को बाहर निकाला गया और सीसीटीवी भी लगा कर जांच की गयी ।

पशुपतिनाथ मंदिर में जब स्वर्ण जलहरी फहराई गई थी, तब केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री थे। 2021 की शुरुआत में ओली अपनी पत्नी राधिका शाक्य के साथ पशुपतिनाथ पहुंचे और संकल्प पूजा कर जलहरी समर्पण करने का ऐलान किया। उसी वर्ष चांदी के स्थान पर सोने के पानी के जलहरी लगाए गए।

स्वर्ण जलहरी के लिए नेपाल राष्ट्र बैंक से 80 करोड़ एक लाख 11 हजार नेपाली रुपये में 103 किलो 773 ग्राम सोना खरीदा गया था। पशुपति विकास निधि के मुताबिक सोने में 3 फीसदी तांबा और 1 फीसदी चांदी मिलाई गई है। पशुपति क्षेत्र विकास निधि की ओर से सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए जवाब में इतनी ही रकम में सोना खरीदने का जिक्र है।