काठमांडू, 23 फरवरी नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री ओली प्रधानमंत्री प्रचंड के प्रति हुए आक्रामक
काठमांडू, 23 फरवरी । नेपाल में सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रमुख घटक दल सीपीएन (यूएमएल) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री एवं सीपीएन (एमसी) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के प्रति आक्रामक हो गए हैं। राष्ट्रपति पद के मुद्दे पर सत्ताधारी गठबंधन टूटने की कगार पर है।
पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने गुरुवार को अपने जन्मदिन पर प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार के फैसले की खुले तौर पर आलोचना की है। ओली ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित कर जनयुद्ध दिवस मनाया। उन्होंने जनयुद्ध को हिंसा दिवस बताते हुए कहा कि इसको राष्ट्रीय दिवस के रूप में कैलेंडर में अवकाश घोषित किए जाने का प्रचंड सरकार का फैसला दुखद है। ओली ने कहा कि हिंसा थमने के बाद भी माओवादी अब भी वैसे ही हैं।
प्रचंड सरकार ने 01 फरवरी को माओवादी सशस्त्र गतिविधियों की शुरुआत के दिन को जनयुद्ध दिवस घोषित करते हुए कैलेंडर में अवकाश के रूप में चिह्नित करने का निर्णय लिया था। प्रचंड सरकार के इस फैसले के कई दिनों बाद अब ओली ने इसका सार्वजनिक रूप से विरोध किया है। इस मुद्दे पर सीपीएन (यूएमएल) अध्यक्ष ओली का विरोध काफी मायने रखता है।
पिछले कुछ समय से राष्ट्रपति पद के मुद्दे पर ओली का प्रचंड से टकराव बढ़ता ही जा रहा है। ओली की आक्रामकता को देखकर इस बात के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि अब सत्तारूढ़ गठबंधन टूट जाएगा। उल्लेखनीय है कि नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन 25 फरवरी को होगा। इस पद पर एक से अधिक उम्मीदवार होने की स्थिति में 09 मार्च को मतदान होगा।