नेपाल के सोना तस्करी मामले में आतंकी संगठन का हाथ होने का दावा

नेपाल के सोना तस्करी मामले में आतंकी संगठन का हाथ होने का दावा

काठमांडू, 31 जुलाई । नेपाल की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने हाल ही में पकड़े गए एक क्विंटल सोने की तस्करी के पीछे किसी आतंकी संगठन का हाथ होने का दावा किया है। प्रमुख विपक्षी दल नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) के सचिव तथा पूर्व मंत्री योगेश भट्टराई ने संसदीय समिति की बैठक में इस तरह का दावा किया है।

सोमवार को संसद की सार्वजनिक लेखा समिति की बैठक में नेकपा एमाले के सांसद रहे योगेश भट्टराई ने कहा कि नेपाल में पकड़ा गया एक क्विंटल सोना यहां के किसी व्यापारी के वैध पैसे से नहीं लाया गया है। इतने बड़े पैमाने पर सोने में निवेश करने का जोखिम कोई आतंकी संगठन ही कर सकता है, ताकि इसका इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने में, हथियारों के सौदे या ड्रग्स की स्मगलिंग में किया जा सके।

संसदीय समिति में योगेश भट्टराई ने कहा कि सरकार को बहुत ही गम्भीरतापूर्वक और गहराई से इसकी जांच करनी चाहिए, क्योंकि यह देश की प्रतिष्ठा का प्रश्न है। भट्टराई का कहना है कि जिस तरह से जांच एजेंसियों को बड़े पैमाने पर सोने की तस्करी का पता लगा है, उससे यह स्पष्ट होता है कि यह मामला महज एक क्विंटल सोने की खेप पकड़े जाने तक ही सीमित नहीं है।

मीडिया में छपी खबरों का हवाला देते हुए सार्वजनिक लेखा समिति की बैठक में योगेश भट्टराई ने कहा कि एक महीने में 1100 किलो सोने की खेप को नेपाल से बाहर भेजे जाने और फर्जी कंपनी बनाकर अब तक 100 क्विंटल से अधिक सोने की तस्करी होने की ख़बरें जांचकर्ताओं के हवाले से मीडिया में प्रकाशित हुईं हैं। इससे भी यह स्पष्ट होता है कि यह किसी सामान्य व्यापारिक प्रयोजन के लिए तस्करी नहीं की जा रही है।

उनका कहना है कि सरकार को न्यायिक जांच आयोग बनाकर या सर्वदलीय संसदीय जांच समिति बनाकर इस मामले की जांच कराने में और अधिक विलम्ब नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस मामले की तह तक जाने के लिए विदेशी जांच एजेंसियों की सहायता लेनी पड़े, तो भी पीछे नहीं हटना चाहिए। यह मामला हांगकांग, चीन, नेपाल और भारत से प्रत्यक्ष जुड़ा दिख रहा है, लेकिन यह भी हो सकता है कि कुछ अन्य देशों में भी नेटवर्क फैला हो।