बैतूलः भैंसई नदी में आटो सहित बहे चार लोग, स्कूल गए सात बच्चे देर रात नहीं लौटे घर

बैतूलः भैंसई नदी में आटो सहित बहे चार लोग, स्कूल गए सात बच्चे देर रात नहीं लौटे घर

बैतूल, 15 सितंबर । राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के सभी जिलों में शुक्रवार को सुबह से शुरू हुआ तेज बारिश का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। इस दौरान बैतूल जिले में दो बड़ी घटनाएं सामने आई हैं। बैतूल के बोरदेही थाना क्षेत्र के ग्राम मुआरिया में शाम करीब पांच बजे एक ऑटो रिक्शा भैसही नदी के तेज बहाव में बह गया। इस दौरान उसमें चार लोग सवार थे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उसकी तलाश शुरू की, लेकिन देर रात तक उनका पता नहीं चल पाया। स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।

वहीं, बैतूल जिले के चिचोली में स्कूल गए 11वीं और 12वीं क्लास के सात विद्यार्थी देर रात तक घर नहीं लौटे। आशंका है कि गांव और स्कूल के बीच पड़ने वाली नदियों में बाढ़ आने के कारण बच्चे कहीं फंस गए हैं। दो थानों का पुलिस बल उनकी तलाश में जुटा है। बच्चों के लापता होने की सूचना गांव से वाट्सएप ग्रुप पर मैसेज की गई थी। शुक्रवार को सुबह 11 बजे उनकी परीक्षा थी। शाम 4.30 बजे परीक्षा खत्म होने के बाद बच्चों को गांव लौटना था, लेकिन देर रात 11 बजे तक वे घर नहीं पहुंचे थे।

मध्य प्रदेश में बीते तीन दिनों से जोरदार बारिश हो रही है। शुक्रवार को भी भोपाल, इंदौर समेत 21 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश हुई। सबसे ज्यादा नर्मदापुरम जिला भीगा। जिले के पचमढ़ी में 9 घंटे में 5.7 इंच पानी बरसा। भारी बारिश के चलते प्रदेश के 6 डैम के गेट खोलने पड़े हैं। जबलपुर में बरगी और नर्मदापुरम में तवा डैम के 13-13 गेट खोले गए। वैनगंगा नदी उफान पर होने से संजय सरोवर बांध के 5 गेट खोल दिए गए हैं। इनके अलावा सतपुड़ा बांध के 7 गेट 11 फीट के लेवल पर खुले रखे गए हैं। पारसडोह बांध के भी 3 गेट खोले गए हैं। छिंदवाड़ा में माचागोरा डैम के सभी 8 गेट खोले गए हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को नर्मदापुरम शहर में 3.4 इंच बारिश हुई। बैतूल में 3.5 इंच, सिवनी में 2.5 इंच, भोपाल जिले में 1.8 इंच, भोपाल शहर में 1 इंच, नरसिंहपुर में 1.5 इंच, रायसेन-सागर में 1.1 इंच बारिश हुई। इंदौर, रतलाम, मलाजखंड में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा। सीधी, सतना, रीवा, खजुराहो, मंडला, धार, गुना, खंडवा, उज्जैन और दमोह में भी बारिश हुई।

नर्मदापुरम में इस सीजन में पहली बार तवा डैम के सभी 13 गेट 20-20 फीट तक खोल दिए गए हैं। इनसे 4,08,265 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसके चलते नर्मदा नदी के सेठानी घाट पर तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है। निचले क्षेत्रों में पानी भरने की आशंका है। हालात के मद्देनजर शनिवार को स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई है।

इंदौर में भी शुक्रवार शाम 4 बजे के बाद सीजन की सबसे तेज बारिश हुई। विजिबिलिटी घटने से गाड़ियों की हैडलाइट्स जलानी पड़ीं। निचली कॉलोनियों में पानी भर गया। भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने जिले के सभी शासकीय-अशासकीय स्कूलों में शनिवार को अवकाश घोषित कर दिया है। हरदा और बैतूल में भी शनिवार को सभी स्कूल बंद रहेंगे।

बैतूल जिले में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए। आमला विकासखंड के छिपन्या- पिपरिया मार्ग पर भैंसई नदी भी उफान पर चल रही है। नदी के पुल पर पानी होने के बाद भी शुक्रवार की शाम एक आटो चालक और उसमे सवार तीन लोगों ने पुल को पार करने का प्रयास किया। उसी दौरान पानी के तेज बहाव से आटो पुल के किनारे पर आ गया और देखते ही देखते चारों लोग आटो सहित नदी में बह गए। सूचना मिलने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और नदी में बहने वालों की तलाश शुरू की गई है। बोरदेही थाना प्रभारी सरविन्द धुर्वे के अनुसार नदी में बहने वालों में आटो चालक इमरत पन्द्राम समेत गणेश इरपाचे, रामसिंग विश्वकर्मा के नाम सामने आए हैं।

परीक्षा देने गए सात बच्चे स्कूल से नहीं लौटे घर

जिले के चिचोली विकासखंड में आने वाले ग्राम चूना हजूरी के शासकीय स्कूल में शुक्रवार को कक्षा 11 वीं और 12 वीं की त्रैमासिक परीक्षा देने के लिए ग्राम गवा झड़प से सात विद्यार्थी पहुंचे थे। शाम 4.30 बजे परीक्षा देने के बाद स्कूल से निकलने के बाद से उनका कहीं पता नहीं चल पा रहा है। जानकारी मिलने के बाद प्रशासन और पुलिस के द्वारा उनका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

डीपीसी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि स्कूल के शिक्षक द्वारा सभी बच्चों को नदी नालों में बाढ़ के कारण स्कूल या गांव में ही रिश्तेदारों के घर रुकने के लिए कहा था। संभावना है कि सभी बच्चे पास के ग्राम चिखली और ढूमका में ही रिश्तेदारों के घर ठहर गए हैं। नेटवर्क की समस्या है इस कारण बीईओ, बीआरसी और शिक्षकों को रवाना किया गया है।

बच्चों के घर नहीं पहुंचने से परिजन चिंतित हैं। ग्राम चूना हजूरी से गवाझड़प गांव की दूरी सात किमी है। रास्ते में पांच नाले और एक नदी भी पड़ती है। गवाझड़प गांव में हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं है, इसलिए यहां के विद्यार्थी चूनाहजूरी के स्कूल जाते हैं। शुक्रवार को तेज वर्षा होने पर भी त्रैमासिक परीक्षा देने के लिए सतपाल मंगूलाल उइके, मधु जिराती इवने, छाया गोपाल यादव, सुषमा सुनील यादव, दीपिका बकस इवने, दीपिका मनोहरी मर्सकोले और शिवकुमार धरमसिंग उइके स्कूल गए थे।