कमलनाथ ने इंवेस्टर्स समिट पर उठाए सवाल, संघ और भाजपा पर साधा निशाना

कमलनाथ ने इंवेस्टर्स समिट पर उठाए सवाल, संघ और भाजपा पर साधा निशाना

भोपाल, 10 जनवरी । इंदौर में 11 जनवरी से दो दिवसीय ग्लोबल इनवेस्टर समिट होने जा रहा है। इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में इन सत्रों में देश-विदेश के निवेशक शामिल होंगे। इंवेस्टर्स समिट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सवाल उठाए है। उन्होंने कहा है कि इंदौर में समिट हो रही है लेकिन इससे प्रदेश को लाभ नहीं मिलता, क्योंकि उन्हें विश्वास नहीं है। मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए प्रयास किया था कि हमारे प्रदेश पर पूरे देश और निवेशकों का विश्वास बने।

कमलनाथ ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में आए तमाम इन्वेस्टर्स का हम स्वागत करते हैं। मध्यप्रदेश में विश्वास की एक नई परंपरा बने हम इस बात का स्वागत करते हैं। परंतु प्रदेश में निवेश तब आता है जब निवेशकों को हमारे प्रदेश में विश्वास हो, केवल भाषण बाजी करने से और विज्ञापन व मीडिया इवेंट्स से निवेश नहीं आता। कमलनाथ ने सवाल उठाते हुए कहा कि विज्ञापन तो विगत 18 वर्षों से चल रहे हैं विगत 18 वर्षों में कई इन्वेस्टर्स समिट हुए 6500 प्रस्ताव आए। हम पूछना चाहते हैं कि कितने प्रस्ताव धरातल पर उतरे?

संघ और भाजपा पर साधा निशाना

राहुल गांधी द्वारा आरएसएस की तुलना कौरवों से करने पर कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी जी ने आरएसएस की तुलना कौरवों से नहीं की, उन्होंने धार्मिक और अधार्मिक होने के अंतर को समझाया है। केवल नेकर पहन लेने से कोई धार्मिक नहीं हो जाता। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि हम भी धार्मिक हैं और हम जब भी किसी धार्मिक आयोजन में जाते हैं भाजपा और आरएसएस के पेट में दर्द शुरू हो जाता है। क्या धर्म की कोई एजेंसी डिस्ट्रीब्यूटर भाजपा के पास है?

पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर भडक़े

इस दौरान एक बार फिर प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों पर भडक़ते हुए कमलनाथ ने कहा कि जो अधिकारी कर्मचारी भाजपा का बिल्ला लिए जेब में घूम रहे हैं वक्त आने पर, अथवा जो पुलिसकर्मी अपनी वर्दी का या जो अधिकारी अपनी शपथ का सम्मान नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ एक्शन जरूर लेंगे। जो लोग ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं उन्हें डरने की क्या आवश्यकता है? कमलनाथ ने कहा कि भाजपा द्वारा जनपद और नगरीय निकाय चुनाव पुलिस पैसे और प्रशासन के बलबूते पर लड़ा गया है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाया जा रहा है और उन पर झूठे केस लगाए जा रहे हैं। भाजपा जानती है कि उनके पास अब जनाधार बचा नहीं है इसीलिए इस प्रकार के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।