भोपाल, 30 अगस्त । मध्य प्रदेश का एक सरकारी ठेकेदार काम के बदले भुगतान नहीं होने से मुख्यमंत्री निवास के सामने सड़क पर अपनी पत्नी के साथ धरने पर बैठ गया है। ठेकेदार ने खुद अपने धरने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए शाम तक भुगतान को लेकर कोई फैसला नहीं होने पर पत्नी के साथ आत्महत्या की चेतावनी दी है और इन सब के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मामले को लेकर सरकार का घेराव किया है। उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश में चल रहा 50 फीसदी कमीशन राज अब सभी हदें पार कर गया है। ग्वालियर के एक ठेकेदार आज मुख्यमंत्री आवास के बाहर अपनी पत्नी सहित धरने पर बैठे हैं और उन्होंने आत्महत्या करने की चेतावनी तक दी है। उनका सीधा कहना है कि 50 प्रतिशत कमीशन मांगे जाने के कारण वह पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं और बार-बार आग्रह करने के बावजूद न तो कोई अधिकारी और न ही मुख्यमंत्री उनकी बात सुन रहे हैं।
कमलनाथ ने कहा कि यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले ग्वालियर के ही एक ठेकेदार ने उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर 50 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाया था। लेकिन उस व्यक्ति को न्याय दिलाने की जगह आवाज उठाने वालों के खिलाफ शिवराज सरकार सक्रिय हुई। उसके बाद रीवा के एक ठेकेदार ने गौशाला निर्माण में 50 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाया। उस मामले पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं देख रहा हूं कि शिवराज सरकार ने इसी तरह से व्यापमं घोटाले में अपराधियों को संरक्षण दिया था और तब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई थी, जब तक करीब 50 निर्दोष लोगों की संदिग्ध मृत्यु नहीं हो गई और सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया। मध्य प्रदेश का 50 प्रतिशत कमीशन राज अब सिर्फ भ्रष्टाचार और घोटाला नहीं बचा है, यह मध्य प्रदेश के ईमानदार ठेकेदारों और अधिकारियों के लिए जानलेवा संकट बनता जा रहा है।
कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि जो मुख्यमंत्री अपने दरवाजे पर आए हुए व्यक्ति की फरियाद नहीं सुन सकता उससे हम न्याय की क्या उम्मीद रखें? मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि 3 महीने बाद कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी तब इस 50 प्रतिशत कमीशन राज में शामिल एक-एक व्यक्ति को दंडित किया जाएगा और मध्य प्रदेश के ईमानदार अधिकारियों और ठेकेदारों के साथ न्याय होगा।