गाजियाबाद, 21 अप्रैल । बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती रविवार को गाजियाबाद की एक चुनावी जनसभा में भाजपा पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव यदि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष हुआ तो भाजपा इस बार केंद्र में वापस नहीं आने वाली है। मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने कोई कार्य नहीं किया है, सिर्फ जुमलेबाजी की है। भाजपा के अच्छे दिन आने के सपनों की असलियत जनता जान चुकी है। राशन से लोगों का भला होने वाला नहीं है, काम देने से ही जीवन स्तर सुधारेगा।
मायावती कविनगर स्थित रामलीला मैदान में गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र के बसपा प्रत्याशी नन्दकिशोर पुंडीर के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रही थीं। मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार ने पूर्व में सत्ता में रही कांग्रेस की तरह ही किसानों पर ध्यान नहीं दिया। भाजपा की जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी सोच और नीतियां किसानों का उत्थान नहीं कर पाई हैं। गरीब, आदिवासी, दलित, मुस्लिम और समाज के अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के स्तर को सुधारने और उनके कल्याण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
उन्होंने कहा कि कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्षत्रिय समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं लेकिन दुख की बात है कि भाजपा व अन्य दल जो अपने आप को क्षत्रियों का हिमायती होने का दावा करते हैं इस बार लोकसभा चुनाव में खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्षत्रिय समाज के लोगों को टिकट नहीं दिया। मायावती ने कहा कि बसपा ने टिकट बंटवारे में भी उन्हें उचित भागीदारी दी है। कई टिकट क्षत्रिय समाज को दिए हैं, गाजियाबाद इसका जीता जागता उदाहरण है। यहां समाज के नंदकिशोर पुंडीर को टिकट दिया गया है। पंजाबी समाज से जितेंद्र कालरा को लखीमपुर खीरी से टिकट दिया है। गुर्जर समाज से बागपत में टिकट दिया है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा समाज के सभी वर्गों की उपेक्षा कर रही है। आरक्षित श्रेणी के सरकारी नौकरियों में खाली पड़े पदों पर सरकार 10 साल बाद भी पर्याप्त संख्या में भर्ती नहीं कर पाई है। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट से पता चला है कि दलित और आदिवासी समाज की उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियां किस्म-किस्म के हथकंडे अपना रही हैं। हवाई घोषणा पत्रों के प्रलोभन में नहीं आना है। बसपा की चार सरकारों के काम की अन्य पार्टियां नकल कर रही हैं। केंद्र में सत्ता में आने पर उत्तर प्रदेश में रही बसपा सरकारों की तरह ठोस काम किया जाएगा। धर्म के आधार पर राजनीति कर रही पार्टियों को जनता इस बार सबक सिखाएगी। कथनी और करनी में अंतर रखने वाली सरकार को केंद्र में आने से रोकना है।