(FM Hindi):-- कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने हालिया वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों की प्रभावशीलता पर चिंता व्यक्त की हे यह सवाल उठाते हुए कि क्या जीएसटी दरों में कमी के लाभ सीधे आम लोगों तक पहुंच रहे हैं।
एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में, रमेश ने जोर दिया कि यदि कर कटौती के लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाए जाते, तो ये सुधार अपना उद्देश्य पूरा नहीं करेंगे।
जीएसटी परिषद ने हाल ही में कर संरचना में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की, जिसमें विभिन्न आवश्यक और गैर-आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कमी शामिल है।
ये सुधार आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने का लक्ष्य रखते हैं।
हालांकि, रमेश ने इंगित किया कि सरकार को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कर कटौती के लाभ उपभोक्ताओं तक पारदर्शी और कुशल तरीके से पहुंचें।
रमेश ने उपभोक्ताओं तक कर कटौती के लाभों को ट्रैक करने और लागू करने के लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र की मांग की। इससे प्रणाली में जनता का विश्वास बना रहेगा और सुधारों के लाभ अभिप्रेत लाभार्थियों तक पहुंचेंगे।
उन्होंने राज्यों के लिए एक मुआवजा ढांचे का भी प्रस्ताव किया है ताकि दर कटौती से उनकी आय प्रभावित न हो। यह ढांचा राज्यों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा और उन्हें नागरिकों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करना जारी रखने में सक्षम बनाएगा।
रमेश ने कांग्रेस पार्टी की लंबे समय से चली आ रही मांग को उठाया है कि जीएसटी ढांचे का व्यापक सुधार किया जाए, जो इसे अधिक समान, पारदर्शी और छोटे एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) के अनुकूल बनाए।
रमेश की चिंताओं को अन्य विपक्षी नेता भी दोहरा रहे हैं, जो तर्क देते हैं कि जीएसटी सुधार सही दिशा में एक कदम हैं लेकिन आठ साल देरी से आए हैं। वे छोटे व्यवसायों और उपभोक्ताओं द्वारा सामना की जा रही जटिलताओं और चुनौतियों को संबोधित करने के लिए आगे के सुधारों की आवश्यकता पर जोर देते हैं।