'नेट-जीरो यूनिवर्सिटी कैंपस' के राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाएगा डीयू : कुलपति

'नेट-जीरो यूनिवर्सिटी कैंपस' के राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाएगा डीयू : कुलपति

नई दिल्ली, 06 नवंबर |दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अब नेट-जीरो यूनिवर्सिटी कैंपस के राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने जा रहा है। उत्तरी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के लिए इस आंदोलन को डीयू से 7 नवंबर को हरी झंडी दिखाई जाएगी।

डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने सोमवार को बताया कि ग्रीन टेरे फाउंडेशन के सहयोग से दिल्ली विश्वविद्यालय 7 नवंबर को U75: नेशनल मूवमेंट ऑफ नेट-जीरो यूनिवर्सिटी कैंपस कार्यशाला की मेजबानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय का यह आयोजन उत्तरी क्षेत्र के लगभग 30 विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को एक साथ लाएगा ताकि वे कार्बन तटस्थ परिसर के लिए रोडमैप तैयार करना शुरू कर सकें और प्रारंभिक मार्गदर्शन प्रदान कर सकें।

इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर मुख्य वक्ता होंगे तथा संयुक्त राष्ट्र के पूर्व यूएसजी एरिक सोल्हेम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीतारमण और ग्रीन टेरे फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक व यूएनईपी के पूर्व निदेशक डॉ. राजेंद्र शेंडे कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाएंगे।

कुलपति ने बताया कि पश्चिमी क्षेत्र से पुणे विश्वविद्यालय से शुरू हुआ यह आंदोलन चेन्नई में एसआरएमआईएसटी विश्वविद्यालय से दक्षिण भारत तक पहुंचा। अब यह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि नेट जीरो यूनिवर्सिटी कैंपस एक परिवर्तनकारी आंदोलन है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मिशन लाइफ के साथ संरेखित है तथा भारत में 2070 तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करने का आह्वान करता है।