विदेशी कंपनियां भी भारत के स्वदेशीकरण अभियान में शामिल हों : रक्षा मंत्री

विदेशी कंपनियां भी भारत के स्वदेशीकरण अभियान में शामिल हों : रक्षा मंत्री

नई दिल्ली, 13 फरवरी । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को एयरो इंडिया में हिस्सा लेने आये विदेशी रक्षा कंपनियों के प्रमुखों से भारत के स्वदेशीकरण अभियान में शामिल होने का आह्वान किया। सीईओ राउंड टेबल में उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत सरकार रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के भागीदारों की ऊर्जा, उद्यमशीलता की भावना और क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय रक्षा निर्माण उद्योग हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालकों में से एक है। सरकार ने रक्षा उद्योग को प्रमुख क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है, जो हमारे आत्मनिर्भरता मिशन को बढ़ावा देगा। बेंगलुरु के येलहंका एयरबेस स्थित एयरफोर्स स्टेशन में एयरो इंडिया के पहले दिन उन्होंने कहा कि सरकार रक्षा उद्योग के लिए नीति निर्माण, सुविधा और विनियमन का काम कर रही है। दूसरी ओर निजी उद्यमी के संसाधनों का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं।

आगे उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और एक रोमांचक भविष्य की ओर अग्रसर है। हमें उम्मीद है कि अगले पांच साल में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। भारतीय रक्षा निर्माण उद्योग हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालकों में से एक है। सरकार ने रक्षा उद्योग को प्रमुख क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है, जिससे हमारे आत्मनिर्भरता मिशन को बढ़ावा मिलेगा।

सीईओ राउंड टेबल को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत जैसा वैश्विक प्रमुखता वाला देश आयातित हथियारों पर भरोसा नहीं कर सकता, क्योंकि ऐसी निर्भरता अनिवार्य रूप से हमारे देश की रणनीतिक स्वायत्तता से समझौता करेगी। इसलिए 2014 के बाद से आत्मनिर्भरता के लक्ष्य का सख्ती से पालन किया गया है। हमारा उद्देश्य देश में जीवंत और विश्व स्तरीय रक्षा निर्माण उद्योग का पोषण करना है।

रक्षा मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमारी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में दूरगामी सुधार के उपाय किए हैं, जिसका उद्देश्य व्यवसाय-अनुकूल वातावरण बनाना है।

आगे उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादों को डिजाइन, विकसित और निर्मित करने की आवश्यकता है, न कि केवल एक असेंबली वर्कशॉप बने रहने की। स्वदेशीकरण अभियान का ईमानदारी से समर्थन करने की आवश्यकता है।

अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने नई और गतिशील इकाइयों के प्रवेश को सुगम बनाने के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाया है। हमने विदेशी ओईएम को आसानी से भारत में सुविधाएं स्थापित करने की अनुमति देने के लिए एफडीआई की सीमा बढ़ा दी है। रक्षा मंत्रालय ने निजी क्षेत्र के लिए सरकार के स्वामित्व वाली परीक्षण और परीक्षण सुविधाओं को खोला है।

उन्होंने कहा कि हमने अपनी रक्षा खरीद प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी बनाया है। अतीत में हथियारों का आयात करना डिफ़ॉल्ट विकल्प था, लेकिन आज स्वदेशीकरण मंत्र है। पिछले कुछ वर्षों में रक्षा उत्पादन में निजी खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ रही है और उत्साह बढ़ रहा है। हालांकि, उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि भारत को दुनिया के लिए रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए अभी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है।