गोवा के सीएम प्रमोद बोले, आरोग्य के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भरता की आवश्यकता

गोवा के सीएम प्रमोद बोले, आरोग्य के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भरता की आवश्यकता

हरिद्वार, 05 फरवरी । गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि आज देश को आरोग्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है। पहले हम दवाओं के लिए विदेशों पर निर्भर थे लेकिन पतंजलि ने आयुर्वेदिक औषधियों पर अनुसंधान कर हमें चिकित्सा में आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है। उन्होंने यह बात रविवार को आचार्य बाबा स्वामी रामदेव के पतंजलि योगपीठ में कही। उनके साथ पद्मनाभ शिष्य सम्प्रदाय के प्रख्यात संत और दत्ता पद्मनाभ पीठाधीश्वर ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी भी साथ थे।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद और पीठाधीश्वर दत्ता आदि संतों ने यहां पहुंचने पर बाबा स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के साथ पतंजलि के विविध प्रकल्पों का भ्रमण कर संस्था की वर्तमान सेवापरक गतिविधियों और भावी योजनाओं की जानकारी ली। इससे पूर्व अतिथियों ने योगग्राम में स्वामी रामदेव के संचालित योग सत्र में भी भाग लिया।

इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि आज देश को आरोग्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है। पहले हम दवाओं के लिए विदेशों पर निर्भर थे लेकिन पतंजलि ने आयुर्वेदिक औषधियों पर अनुसंधान कर आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई है। उन्होंने कहा कि मैं बड़े गर्व से कहता हूं कि मैं योग का ही साधक नहीं अपितु आयुर्वेद का डॉक्टर भी हूं।

गोवा के मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी आदि सभी भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को लेकर देश-विदेश में जागरूकता अभियान चलाया। पतंजलि ने महर्षि चरक, सुश्रुत, वाग्भट्ट के रचित शास्त्रों के गूढ़ ज्ञान को मॉडर्न मेडिकल साइंस के आधार पर सांइटिफिक एविडेंस के साथ प्रस्तुत किया। उन्होंने त्रिदोष सिद्धांत, पंचमहाभूत व सप्तधातु आदि विषयों पर प्रकाश डाला।

गोवा के मुख्यमंत्री सावंत ने पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुल, पतंजलि अनुसंधान संस्थान आदि विविध प्रकल्पों का भ्रमण कर कहा कि पतंजलि मानवहित में सेवा का अद्वितीय कार्य कर रहा है। पतंजलि आज शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, अनुसंधान, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, उद्योग आदि सभी क्षेत्रों में कार्यरत है तथा श्रेष्ठता के साथ आगे बढ़ रहा है।

इस अवसर पर सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामी ने कहा कि गोवा योग की भूमि है। इसका नाम गौ-माता पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में हमारे ऋषि-मुनियों ने शिक्षा और आरोग्य के क्षेत्र सनातन संस्कृति का लोहा मनवा रखा था। लोग शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं के लिए देश-विदेश से आते थे। वो सारी व्यवस्थाएं बाबा ने पतंजलि के माध्यम से यहां खड़ी कर रखी हैं। पतंजलि ऋषि-मुनियों की परम्परा को आगे बढ़ा रहा है।

स्वामी रामदेव ने कहा कि आज राजसत्ता और धर्मसत्ता का संगम है। गोवा के प्रख्यात संत स्वामी ब्रह्मेशानंद और गोवा मुख्यमंत्री प्रमोद जैसे महापुरुष धर्मसत्ता और राजसत्ता में आ जाएं तो भारत की प्राचीन ऋषि परम्परा गौरवान्वित होगी।

आचार्य बालकृष्ण ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद को पतंजलि की शोध परक गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान के माध्यम से अनुसंधान का बड़ा कार्य किया जा रहा है। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान के माध्यम से गिलोय, अश्वगंधा और तुलसी आदि पर आयुर्वेद आधारित सैकड़ों रिसर्च पेपर्स नेचर्स, मोलिक्यूल्स, फ्रंटियर इन फार्मोकोलॉजी, बॉयो मोलिक्यूल्स, स्प्रिंगर और एल्सवेयर आदि विश्वस्तरीय जनरल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। साथ ही पाण्डुलिपियों के संरक्षण, संवर्द्धन व प्रकाशन का भी बड़ा कार्य पतंजलि के माध्यम से किया जा रहा है।

आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि अनुसंधान संस्थान में करीब 60,000 औषधीय पौधों की कैनवास पेंटिंग, हर्बेरियम उनके फ्लोरा के साथ उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पतंजलि हर्बल गार्डन में रुद्राक्ष का पौधा भी रोपित किया।