भारत- जर्मनी बढ़ायेंगे नवाचार और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग

भारत- जर्मनी बढ़ायेंगे नवाचार और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग

नई दिल्ली, 25 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत यात्रा पर आए जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने युक्रेन संघर्ष सहित विभिन्न वैश्विक, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर शनिवार को नई दिल्ली में विचार-विमर्श किया तथा नवाचार और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निश्चय किया। दोनों नेताओं ने सौर ऊर्जा, ग्रीन हाईड्रोजन और स्वच्छ ऊर्जा प्रोद्योगिकी में सहयोग के लिए एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए। दोनों देश पर्यावरण हितैषी क्षेत्रों में कौशल क्षमता के विस्तार में भी सहयोग करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मन चांसलर शोल्ज ने हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता की तथा प्रेस को भी संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन संघर्ष के संबंध में भारत के पक्ष को दोहराते हुए कहा कि हमने शुरू से ही वार्ता और कूटनीति के जरिए विवाद को सुलझाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट का समाधान करने के लिए भारत किसी भी शांति प्रयास में योगदान करने के लिए तैयार है। उन्होंने यूक्रेन घटनाक्रम के कारण विकासशील देशों के समक्ष मौजूद कठिनाइयों का भी जिक्र किया। चांसलर शोल्ज ने अपने संबोधन में यूक्रेन संघर्ष के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया है जिससे दुनिया पर नकारात्मक असर पड़ा है।

चांसलर शोल्ज दो दिन की यात्रा पर भारत आए हैं। राजधानी में शनिवार को सुबह राष्ट्रपति भवन में उनका रस्मी स्वागत किया गया। उन्होंने बाद में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से भी मुलाकात की। राजधानी में अपने कार्यक्रमों के बाद वे रविवार को बंगलुरू रवाना होंगे।

इसके अलावा चांसलर और प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की। बैठक में डिजिटल परिवर्तन, फिनटेक, आईटी और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों को प्रमुखता से शामिल किया गया।

आज के विचार विमर्श के दौरान दोनों देशों ने अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के चार देशों में विभिन्न परियोजनाओं में सहयोग करने का भी निश्चय किया। चांसलर शोल्ज ने कहा कि उनका देश अगले वर्ष एशिया प्रशांत सम्मेलन का भारत में आयोजन करेगा।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने वार्ता प्रक्रिया के बाद पत्रकार वार्ता में कहा कि रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग भारत और जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी में महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। दोनों देशों ने रक्षा उपकरणों की डिजाइन उत्पादन और प्रोद्योगिकी हस्तांतरण के लिए भी सहयोग करने का निश्चय किया। हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए भी दोनों नेताओं ने चर्चा की।