भारत वैश्विक स्तर पर हर मुसीबत के समय राहत पहुंचाने में अव्वल : सीडीएस

भारत वैश्विक स्तर पर हर मुसीबत के समय राहत पहुंचाने में अव्वल : सीडीएस

- पूरी दुनिया को एक परिवार मानकर मानवीय सहायता पहुंचा रहा है भारत

- एससीओ सदस्य देशों से अपनी क्षमताओं को विकसित करने का अनुरोध

नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बताया कि भारत मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) में वैश्विक स्तर पर पहले नंबर पर है। तुर्किये में आए भूकंप के बाद ऑपरेशन दोस्त सही समय पर शुरू करना विश्व के सभी संभावित हिस्सों तक सहायता पहुंचाने के लिए भारत के संकल्प का प्रमाण है। भारत पूरी दुनिया को एक परिवार मानकर मानवीय सहायता पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

सीडीएस जनरल अनिल चौहान मंगलवार को नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय के एकीकृत रक्षा कर्मचारी (आईडीएस) की ओर से आयोजित कार्यशाला को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के साथ भारत की अध्यक्षता में किया गया। इसमें कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, बेलारूस, मंगोलिया, पाकिस्तान और चीन के साथ-साथ रूस के वक्ताओं ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया।

सीडीएस ने कहा कि भारत की मान्यता वसुधैव कुटुम्बकम् यानी पूरा विश्व एक परिवार है, इसी सांस्कृतिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए भारत पूरी दुनिया में मानवीय सहायता पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने नेपाल में भूकंप के बाद बचाव अभियान ऑपरेशन मैत्री, श्रीलंका में 2016 में चक्रवात रोआनू के बाद, 2018 में भूकंप के बाद इंडोनेशिया व जनवरी, 2020 में बाढ़ के बाद मेडागास्कर को सहायता प्रदान करने और कोरोना महामारी के दौरान टीकों की आपूर्ति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में तुर्किये में आए भूकंप के बाद ऑपरेशन दोस्त सही समय पर शुरू करना विश्व के सभी संभावित हिस्सों तक सहायता पहुंचाने के लिए भारत के संकल्प का प्रमाण है।

सीडीएस ने आगे कहा कि आपदाओं के प्रभावों को कम करने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण जरूरी है और इस उद्देश्य से भारत विभिन्न देशों व बहुपक्षीय संगठनों के साथ अभ्यास करता रहा है। इनमें 2021 में पुणे में बिम्सटेक सदस्यों के लिए एचएडीआर अभ्यास पैनेक्स 21 और 2022 में आगरा में आसियान सदस्यों के लिए समन्वय 22 आदि शामिल हैं। सीडीएस ने आगे कहा कि आम तौर पर समर्पित संगठनात्मक ढांचे के साथ सशस्त्र बल किसी भी आपदा की स्थिति में सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले होते हैं। शत्रुतापूर्ण वातावरण में काम करने की क्षमता, संगठनात्मक कौशल और लॉजिस्टिक्स की जानकारी सशस्त्र बलों को एचएडीआर परिचालन के लिए सबसे अनुकूल बनाती है।

कार्यशाला का उद्घाटन चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू दी चेयरमैन एयर मार्शल बीआर कृष्णा ने किया। उन्होंने एससीओ सदस्य देशों से अपने राष्ट्रीय संगठनों की क्षमताओं को विकसित करने का अनुरोध किया, जिससे वे प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करने में सक्षम हो सकें। कार्यशाला का उद्देश्य सूचना का आदान-प्रदान करना और एससीओ सदस्यों के बीच वैश्विक सहभागिता को बढ़ावा देने को लेकर सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को साझा करना है।

एससीओ के मुख्य लक्ष्य सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास व बंधुता को मजबूत करना, राजनीति, व्यापार, अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी व संस्कृति के साथ-साथ शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और अन्य क्षेत्रों में प्रभावी सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके अलावा क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखने और इसे सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त प्रयास करना व एक लोकतांत्रिक, निष्पक्ष और तर्कसंगत नई अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक व आर्थिक व्यवस्था की स्थापना की दिशा में बढ़ना है।