नए सत्र से केंद्र-राज्य के 57 विश्वविद्यालयों में 4 साल का आईटीईपी शुरू

नई दिल्ली, 04 मार्च । राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने पूरे देश में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से 57 शिक्षक शिक्षा संस्थानों (टीईआई) में एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) शुरू किया है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत एनसीटीई का एक प्रमुख कार्यक्रम है।

आईटीईपी, जैसा कि 26 अक्टूबर 2021 को अधिसूचित, बी.ए. बी.एड./ बी.एससी. बीएड और बी. कॉम बीएड की पेशकश करने वाली 4 साल की दोहरी-प्रमुख समग्र स्नातक डिग्री है। यह कोर्स नए स्कूल ढांचे के 4 चरणों यानी फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5 3 3 4) के लिए शिक्षकों को तैयार करेगा। यह कार्यक्रम शुरू में प्रतिष्ठित केंद्र व राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों व संस्थानों में पायलट मोड में चलाया जा रहा है। आईटीईपी उन सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा जो माध्यमिक के बाद अपनी पसंद से शिक्षण को पेशे के रूप में चुनते हैं। इस एकीकृत पाठ्यक्रम से छात्रों को लाभ होगा क्योंकि वे वर्तमान बी.एड. प्लान के लिए आवश्यक 5 वर्षों के बजाय पाठ्यक्रम को 4 वर्षों में पूरा करके एक वर्ष की बचत करेंगे। इसके लिए प्रवेश नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एनसीईटी) के माध्यम से किया जाएगा।

आईटीईपी न केवल अत्याधुनिक शिक्षा प्रदान करेगा बल्कि प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई), मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन), समावेशी शिक्षा और भारत और इसके मूल्यों, आचारों, कला, परंपराओं के बीच समझ स्थापित करेगा। पाठ्यक्रम पूरे शिक्षक शिक्षा क्षेत्र के पुनरोद्धार में महत्वपूर्ण योगदान देगा। भारतीय मूल्यों और परंपराओं पर आधारित एक बहु-विषयक वातावरण के माध्यम से इस पाठ्यक्रम से उत्तीर्ण होने वाले भावी शिक्षकों को 21वीं सदी के वैश्विक मानकों की आवश्यकताओं से परिचित कराया जाएगा और इसलिए, वे नए भारत के भविष्य को आकार देने में अग्रणी होंगे।