-चंबा-कांगड़ा में रेड अलर्ट, कई जिलों में शिक्षण संस्थान बंद
शिमला, 25 अगस्त । हिमाचल प्रदेश में मानसून लगातार कहर बरपा रहा है। भारी वर्षा से पूरे प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन, जलभराव और नदियों-नालों में उफान से लोग परेशानी में हैं। कांगड़ा जिला के इंदौरा, नूरपुर, फतेहपुर और जसूर में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जबकि बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, ऊना और चंबा जिलों में भी भारी भूस्खलन देखने को मिल रहा है। चंबा में मणिमहेश यात्रा के दौरान तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने यात्रा को रोक दिया है।
भारी वर्षा को देखते हुए चंबा, कांगड़ा, मंडी और ऊना जिलों में मंगलवार को भी सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। इसी तरह कुल्लू जिला के मनाली, बंजार और कुल्लू उपमंडलों में भी छुट्टी घोषित की गई है। इससे पहले सोमवार को आठ जिलों में अवकाश रहा था। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए यानी 26 अगस्त को चंबा और कांगड़ा जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। कुल्लू और मंडी जिलों में ऑरेंज अलर्ट, जबकि ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में येलो अलर्ट लागू रहेगा। 27 से 31 अगस्त तक अधिकांश जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा।
बीते 24 घण्टों में बिलासपुर जिला के काहू में सर्वाधिक 190 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। वहीं चंबा जिला के जोत में 159, बिलासपुर के बरठीं में 156, नैना देवी में 148, घाघस में 148, बिलासपुर में 140, चंबा जिला के भटियात में 140, मलरान में 120, अंब में 111, अघ्घर में 110, बंगाणा में 104, रायपुर मैदान में 98, घुमरूर में 95, भरवाईं में 94, नादौन में 94, सलापड़ में 90, मुरारी देवी में 90, धर्मशाला में 87, भरेड़ी में 85, कसौली में 85, सुंदरनगर में 84, बलद्वारा में 84 मिमी वर्षा हुई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, सोमवार शाम तक भूस्खलन और मलबा गिरने से दो नेशनल हाईवे समेत 793 सड़कें बंद रहीं। इनमें मंडी में 288, चंबा में 214, कुल्लू में 131 और सिरमौर में 41 सड़कें शामिल हैं। मंडी में नेशनल हाईवे-3 (मंडी-कुल्लू) और कुल्लू में नेशनल हाईवे-305 (आनी-जलोढ़ी) बंद रहा। 956 बिजली ट्रांसफार्मर और 517 पेयजल योजनाएं भी ठप रहीं। इनमें चंबा में 390, सोलन में 172, मंडी में 130, हमीरपुर में 97, लाहौल-स्पीति में 84 और कुल्लू में 52 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए। पेयजल योजनाओं में चंबा की 182, कांगड़ा की 148, हमीरपुर की 95 और कुल्लू व मंडी की 33-33 स्कीमें बंद पड़ी हैं।
इस बार के मानसून ने अब तक भारी तबाही मचाई है। 20 जून से अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 306 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 37 लोग लापता और 360 लोग घायल हैं। मंडी में सबसे ज्यादा 51, कांगड़ा में 48, चंबा में 36, शिमला में 28, किन्नौर व कुल्लू में 26-26 और अन्य जिलों में भी जानें गई हैं। प्रदेशभर में अब तक 3,186 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 693 पूरी तरह ढह गए। अकेले मंडी में 1,500 मकानों को नुकसान हुआ, जिनमें 490 पूरी तरह टूट गए। इसके अलावा 470 दुकानें और 2,819 पशुशालाएं भी प्रभावित हुई हैं। 1,843 पालतू पशु और 25,755 पोल्ट्री पक्षी मारे जा चुके हैं।
इस मानसून में अब तक 77 बार फ्लैश फ्लड, 81 बार भूस्खलन और 41 बार बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। लाहौल-स्पीति में सबसे ज्यादा 42 बार फ्लैश फ्लड आया। कुल्लू में 15, शिमला में 14, लाहौल-स्पीति व मंडी में 12-12 और चंबा में 11 बार भूस्खलन हुआ। बादल फटने की 18 घटनाएं मंडी में, 10 कुल्लू में, 5 चंबा में, शिमला व लाहौल-स्पीति में 3-3 और किन्नौर में एक बार दर्ज हुई हैं। बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई।
प्रदेश को अब तक करीब 2,394 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1,310 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 813 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।
इस बीच लगातार हो रही बारिश से कांगड़ा जिले में पौंग बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। बीती रात बांध का स्तर 1385.21 फीट तक पहुंच गया, जिसके चलते बीबीएमबी और प्रशासन अलर्ट पर है। आउटफ्लो को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 59,539 क्यूसिक कर दिया गया है, जिसे आगे बढ़ाकर 75,000 क्यूसिक किया जाएगा। प्रशासन ने लोगों को खड्डों और नालों से दूर रहने की अपील की है।
भारी बारिश के कारण बिलासपुर-स्वारघाट के पास चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर छडोल में भूस्खलन हुआ, जिससे दो वाहन चपेट में आ गए और उन्हें भारी नुकसान हुआ। कुल्लू जिले में ब्यास, विकास और पार्वती नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मनाली के साथ लगते मनालसु नाले में बाढ़ आने से शहर में पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। वहीं शिमला जिले के कुपवी क्षेत्र में जमीन धंसने से धमराह प्राथमिक पाठशाला का रसोई घर और एक कक्षा कक्ष क्षतिग्रस्त हो गया है।
उधर, लाहौल-स्पीति जिले में शिंकुला दर्रे पर बर्फबारी का दौर जारी है और अब तक करीब एक फुट बर्फ गिर चुकी है।
प्रदेश सरकार और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों के पास न जाएं और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें। लगातार बारिश ने प्रदेश में हालात गंभीर बना दिए हैं और आपदा प्रबंधन दल राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।