जगदानन्द प्रधान । भुवनेश्वर । फाष्ट मेल्
ओडिशा के पुरी जिले के बंलगा क्षेत्र में जलाई गई 16 वर्षीय नाबालिग किशोरी ने शनिवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पीड़ित का शरीर 75 फीसदी जल गया था। वह कई दिनों से वेंटिलेटर पर थी। यह दर्दनाक घटना बीते 19 जुलाई को बलंगा के बयाबर गांव के पास दिनदहाड़े हुई थी, जब अज्ञात हमलावरों ने उसपर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी थी। घटना के बाद किशोरी को पहले एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए बीते 20 जुलाई को एयरलिफ्ट कर एम्स दिल्ली लाया गया, जहां वह इलाजरत थी। यहां भी तमाम सर्जरी और विशेषज्ञों के प्रयासों के बावजूद उसकी हालत में कोई खास सुधार नहीं हो पाया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने पीड़ित की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, बलंगा की बालिका की मृत्यु का समाचार सुनकर अत्यंत स्तब्ध हूं। सरकार द्वारा किए गए सभी प्रयासों और एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ डॉक्टरों की दिन-रात की मेहनत के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। उन्होंने आगे कहा, ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दें।
ऊधरऊनके निधन की खबर सुनकर प्रदेश कंग्रेस के अध्यक्ष श्री भक्त चरण दस ने आलोचना कि। ऊन्होने काहा कि, मैं अत्यंत दुखी और मर्माहत हूं। मैं उनकी आत्मा की शांति की कामना करता हूं और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं ।
एक प्रेस बयान में श्री दास ने कहा कि बलांगीर पीड़िता की घटना को दो सप्ताह हो चुके हैं। अंततः उनका निधन हो गया।
यह घटना शनिवार को हुई थी और आज, एक और शनिवार को, उनका निधन हो गया। 15 दिन बीत जाने के बावजूद, इतनी चर्चित घटना के आरोपियों को आधुनिक युग में पुलिस पकड़ नहीं पाई। इससे यह स्पष्ट है कि पुलिस विभाग कैसे काम कर रहा है। पीड़िता का बयान पुलिस ने दर्ज किया है, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। यह स्पष्ट है कि एक-एक घटना को कैसे दबाया जा रहा है।
बलांगीर पीड़िता को न्याय चाहिए। यदि सात दिनों के भीतर पीड़िता को न्याय नहीं मिला, तो हम मानेंगे कि सरकार पुलिस विभाग को चला नहीं पा रही है। हम डीजीपी कार्यालय का घेराव करेंगे, यह घोषणा श्री दास ने की।
एफएम कॉलेज की छात्रा को जलाने की घटना में यह सवाल उठता है कि पेट्रोल किसने लाया, माचिस किसने दी, और उस समय कौन-कौन मौजूद था। क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन अपराधी अभी तक पकड़े नहीं गए। सरकार हर क्षेत्र में ऐसा व्यवहार क्यों कर रही है जैसे वह स्वयं अपराध कर रही हो?
चोरों को पकड़ने के बजाय, चोरों की तरह व्यवहार क्यों किया जा रहा है? श्री दास ने यह सवाल उठाया। हमने ऐसी कमजोर प्रशासन पहले कभी नहीं देखा। यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमें ऐसी सरकार मिली है। इतने दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस अपराधियों को पकड़ने में विफल रही है। इससे राज्यवासियों में सरकार के प्रति संदेह पैदा हो गया है। ऐसा लगता है जैसे कोई साजिश हो रही हो।
दास ने काहा कि सामान्य मामलों में पुलिस जो तत्परता दिखाती है, वह एफएम कॉलेज और बलांगीर मामले में क्यों नहीं दिखाई? बलांगीर की छात्रा की घटना उपमुख्यमंत्री के अपने क्षेत्र में हुई है। ऐसे अपराधियों को बार-बार छोड़ दिया जाता है या बचाया जाता है। इसलिए महिलाओं पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है, जिसकी कोई सीमा नहीं है।
दास ने आगे काहा कि ,विश्व मंच पर हम लज्जित हो चुके हैं। देश में आप लज्जित हो चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने इसे महसूस किया, लेकिन माननीय मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई, यह कहकर श्री दास ने अपनी नाराजगी व्यक्त की।
दास ने बताया कि एक दिन पहले बयान देने वाली छात्रा कैसे मृत्यु को प्राप्त हो सकती है? इससे संदेह पैदा होता है। यदि बयान दर्ज किया गया है, तो इसे सार्वजनिक करें। यदि अपराधियों को बचाने के लिए बयान दर्ज किया जा रहा है, तो यह अक्षम्य अपराध है, श्री दास ने कहा।
दास ने आगे काहा कि, हम विपक्षी दल के रूप में जितना चीखे-चिल्लाए, उतना शायद ही किसी ने किया हो। हम असहाय हैं। हमारे पास नवीन बाबू की पार्टी की तरह 51 विधायक नहीं हैं। यदि हमारे पास 51 विधायक होते, तो हम विशेष सत्र बुलाकर इन्हें बाहर का रास्ता दिखा देते। न्याय देने की जरूरत है। हम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए जी-जान से प्रयास कर रहे हैं। इसलिए, सात दिनों के भीतर न्याय नहीं मिला, तो हम डीजीपी कार्यालय का घेराव करेंगे, यह घोषणा श्री दास ने की।