नई दिल्ली, 02 फ़रवरी । राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पंजीकृत कारखानों में दुर्घटनाओं में श्रमिकों की उच्च मृत्यु दर को लेकर केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को गुरुवार को नोटिस जारी किया। आयोग ने केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पंजीकृत कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों के मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
नोटिस में बताया गया है कि श्रम और रोजगार मंत्रालय के कारखाना सलाह सेवा एवं श्रम संस्थान महानिदेशालय के आंकड़ों के अनुसार 2017 से 2022 के बीच देश के पंजीकृत कारखानों में दुर्घटना से हर दिन औसतन 3 लोगों की मौत हुई और 11 घायल हुए। कथित तौर पर 2018 और 2020 के बीच 3,331 मौतें दर्ज की गईं, लेकिन कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत अपराधों के लिए केवल 14 लोगों को सजा सुनाई गई थी।
आयोग का मानना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जैसा कि अखबार के लेख में उजागर किया गया है, कारखानों सहित विभिन्न व्यावसायिक उद्यमों में श्रमिकों के मानवाधिकारों के बारे में गंभीर चिंताएं उजागर करती हैं। आयोग ने इस संबंध में केंद्र और राज्यों से रिपोर्ट तलब की है।