नई दिल्ली, 12 अक्टूबर। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि देश महंगाई और बेरोजगारी की मार से त्रस्त है। मोदी सरकार इन मुद्दों पर पूरी तरह विफल रही है।
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने गुरुवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि 2018 में जब प्रधानमंत्री मोदी से भारत में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर सवाल पूछा गया, तब उन्होंने हमेशा की तरह कोई समस्या होने से इनकार किया था।
रमेश ने कहा कि सरकार की ओर से करवाए गए वर्ष 2022-23 के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के अनुसार स्व-रोजगार के लिए मजबूर होने वाले लोगों का अनुपात आज 57 फीसदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है, जो पांच साल पहले 52 फीसदी था। नियमित रूप से वेतन पाने वाले श्रमिकों का अनुपात 24 फीसदी से गिरकर 21 फीसदी हो गया है, जो मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग में व्याप्त संकट को दर्शाता है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में दिहाड़ी मजदूरों की दैनिक आय भी लगभग 05 फीसदी कम होकर 409 रुपये से अब 388 रुपये रह गई है। इसी अवधि के दौरान विलासिता (लक्जरी) वस्तुओं और कारों की बिक्री बढ़ रही है। यह स्थिति अमीर व गरीब के बीच बढ़ते अंतर को दिखाती है।
रमेश ने कहा कि वर्ष 1991 में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद से अच्छी सैलरी वाली नौकरियों का भारतीयों का सपना 2014 में यूपीए सरकार के जाते ही टूट गया था। उन्होंने दावा किया कि अब आने वाली आईएनडीआईए की सरकार ही इस भयावह स्थिति को बदल सकती है।