लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने देश में बेरोजगारी को लेकर एक बार फिर पीएम मोदी को घेरा है। कांग्रेस नेता ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के वादे की याद दिलाते हुए कहा कि इसी से पता चलता है कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी को लेकर कितने गंभीर हैं। इसके साथ ही उन्होंने रोजगार के अवसर पैदा करने के कई सुझाव देते हुए पीएम मोदी से सीधा कई सवाल पूछा है।
राहुल गांधी ने क्स पर एक पोस्ट में कहा, 2024 के चुनाव के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत धूमधाम से रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की घोषणा की, जिसमें हमारे युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया। उन्होंने आगे कहा कि योजना की घोषणा किए हुए लगभग एक साल हो गया है, सरकार ने इसे परिभाषित भी नहीं किया है, और इसके लिए आवंटित ₹10,000 करोड़ वापस कर दिए हैं। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी को लेकर कितने गंभीर हैं।
कांग्रेस नेता ने राह सुझाते हुए कहा कि केवल बड़े कॉरपोरेट्स पर ध्यान केंद्रित करके, निष्पक्ष व्यापार की बजाय अपने साथियों को बढ़ावा देकर, उत्पादन की बजाय असेंबल करने को प्राथमिकता देकर और भारत के स्वदेशी कौशल की उपेक्षा करके नौकरियां पैदा नहीं की जा सकतीं। करोड़ों नौकरियां पैदा करने का तरीका एमएसएमई में बड़े पैमाने पर निवेश, निष्पक्ष बाजार जहां प्रतिस्पर्धा पनप सके, स्थानीय उत्पादन नेटवर्क के लिए समर्थन और सही कौशल से लैस युवा हैं।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि पीएम इन विचारों से सहमत नहीं होंगे। लेकिन मुझे उनसे सीधे पूछना है कि प्रधानमंत्री जी, आपने बड़े दिखावे के साथ ईएलआई की घोषणा की- लेकिन यह ₹10,000 करोड़ की योजना कहां गायब हो गई? क्या आपने अपने वादों के साथ हमारे बेरोजगार युवाओं को छोड़ दिया है?
नेता विपक्ष ने आगे पूछा, आप हर दिन नए नारे गढ़ते हैं, लेकिन हमारे युवा अभी भी वास्तविक अवसरों का इंतजार कर रहे हैं। भारत को जिन करोड़ों नौकरियों की सख्त जरूरत है, उन्हें पैदा करने के लिए आपकी ठोस योजना क्या है, या यह सिर्फ एक और जुमला है? आप अपना ध्यान अडानी और अपने अरबपति दोस्तों को समृद्ध करने से हटाकर कब यह सुनिश्चित करने पर लगाएंगे कि हाशिए के समुदायों के युवाओं को रोजगार तक समान पहुंच मिले?