Rahul Gandhi will address the media today at the Congress headquarters

Rahul Gandhi will address the media today at the Congress headquarters

नई दिल्ली, 25 मार्च कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त किए जाने के बाद वह पहली बार शनिवार को मीडिया से मुखातिब होंगे।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल आज पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करेंगे। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शुक्रवार को लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई। मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल

नई दिल्ली, 25 मार्च कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त किए जाने के बाद वह पहली बार शनिवार को मीडिया से मुखातिब होंगे।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल आज पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करेंगे। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शुक्रवार को लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई। मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया।

इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त की गई है। हालांकि कांग्रेस इस कदम को सियासी बता रही है। पार्टी का कहना है कि राहुल को सच बोलने की सजा मिली है। उन्होंने अडानी समूह पर लगे आरोपों के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग की। वह लगातार जन मुद्दों को उठा रहे थे। यह बात केन्द्र सरकार को पसंद नहीं आ रही थी। इसलिए केन्द्र सरकार ने उन्हें संसद से बेदखल करा दिया है।

को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया।

इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त की गई है। हालांकि कांग्रेस इस कदम को सियासी बता रही है। पार्टी का कहना है कि राहुल को सच बोलने की सजा मिली है। उन्होंने अडानी समूह पर लगे आरोपों के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग की। वह लगातार जन मुद्दों को उठा रहे थे। यह बात केन्द्र सरकार को पसंद नहीं आ रही थी। इसलिए केन्द्र सरकार ने उन्हें संसद से बेदखल करा दिया है।