कोलकाता, 25 जनवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बीबीसी की बनाई विवादित डॉक्यूमेंट्री जेएनयू में प्रदर्शित होने पर मचे विवाद के बीच अब कोलकाता में भी ऐसा ही होने जा रहा है। यहां के मशहूर प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) उसी डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन करने जा रहा है। यह जानकारी बुधवार को एसएफआई ने दी है। इसको लेकर विश्वविद्यालय परिसर में पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि 27 जनवरी को यह डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। एसएफआई ने डाक्यूमेंट्री प्रदर्शित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुमति भी मांगी है। एसएफआइ की प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय इकाई के प्रमुख आनंदरूपा धर ने कहा कि हमने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को इस डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए मंगलवार को ईमेल भेजा है, जिसमें विश्वविद्यालय के बैडमिंटन कोर्ट में इसे दिखाने की अनुमति मांगी है।
हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसपर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, छात्रों का एक अन्य वर्ग 1 फरवरी को भी विश्वविद्यालय के ए.के. बसाक सभागार में इस डाक्यूमेंट्री को प्रदर्शित करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा एसएफआई की जादवपुर विश्वविद्यालय में भी इस डाक्यूमेंट्री को दिखाने की योजना है, जो पहले से वामपंथियों का गढ़ रहा है।
बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री प्रेसिडेंसी में प्रदर्शित करेगा एसएफआई
कोलकाता, 25 जनवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बीबीसी की बनाई विवादित डॉक्यूमेंट्री जेएनयू में प्रदर्शित होने पर मचे विवाद के बीच अब कोलकाता में भी ऐसा ही होने जा रहा है। यहां के मशहूर प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) उसी डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन करने जा रहा है। यह जानकारी बुधवार को एसएफआई ने दी है। इसको लेकर विश्वविद्यालय परिसर में पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि 27 जनवरी को यह डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। एसएफआई ने डाक्यूमेंट्री प्रदर्शित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुमति भी मांगी है। एसएफआइ की प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय इकाई के प्रमुख आनंदरूपा धर ने कहा कि हमने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को इस डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए मंगलवार को ईमेल भेजा है, जिसमें विश्वविद्यालय के बैडमिंटन कोर्ट में इसे दिखाने की अनुमति मांगी है।
हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसपर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, छात्रों का एक अन्य वर्ग 1 फरवरी को भी विश्वविद्यालय के ए.के. बसाक सभागार में इस डाक्यूमेंट्री को प्रदर्शित करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा एसएफआई की जादवपुर विश्वविद्यालय में भी इस डाक्यूमेंट्री को दिखाने की योजना है, जो पहले से वामपंथियों का गढ़ रहा है।