समाजवादी विचारों के दृढ़ समर्थक थे शरद यादव : अतुल अनजान

समाजवादी विचारों के दृढ़ समर्थक थे शरद यादव : अतुल अनजान

नई दिल्ली, 13 जनवरी । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान ने जनता दल- यूनाइटेड (जेडी-यू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि यादव समाजवादी विचारों के दृढ़ समर्थक थे। वे डॉक्टर लोहिया एवं मधु लिमये के विचारों के संवाहक थे।

अनजान ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि जबलपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में जयप्रकाश आंदोलन में अग्रणी कतारों के नेता शरद यादव समाजवादी राजनीति के पुरोधा थे। डॉक्टर लोहिया एवं मधु लिमये के विचारों से प्रभावित शरद यादव ने अपने जीवन के पांच दशक की राजनीति में गरीबों, हाशिए पर पड़े हुए लोगों, किसानों और नौजवानों की आवाज संसद और संसद के बाहर बड़ी मजबूती से उठाई।

अनजान ने आगे कहा कि वे बेरोजगार नौजवानों के सवालों को लेकर छात्रों ,नौजवानों के राष्ट्रव्यापी संघर्षों के आंदोलनों में एक सक्रिय नेता के तौर पर हमेशा अगली पंक्तियों में रहे। यादव ने केन्द्रीय मंत्री के रूप में अपनी धाक बनाई। वे संकीर्णता और सांप्रदायिकता के खिलाफ सदैव बोलते, लड़ते रहे।

अनजान ने कहा कि जीवन के अंतिम समय तक सभी धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और संविधान में विश्वास रखने वाली शक्तियों को संगठित करने के प्रयास में लगे रहे। शरद यादव के देहांत से सांप्रदायिकता विरोधी संघर्ष और समाजवादी विचारों को स्थापित करने के महान कर्तव्य पथ पर आगे ले जाने के संघर्ष को गहरा झटका लगा है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से अतुल कुमार अनजान ने शरद यादव के समर्थकों, प्रशंसकों और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।