महिला केंद्रित विकास के विजन को लेकर आगे बढ़ रहा है देश : लोकसभा अध्यक्ष

महिला केंद्रित विकास के विजन को लेकर आगे बढ़ रहा है देश : लोकसभा अध्यक्ष

नई दिल्ली, 18 मार्च । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि देश महिला केंद्रित विकास के विजन को लेकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में आज महिलाएं जिन उपलब्धियों को अपने नाम दर्ज करा रही हैं, वह अमृत काल में देश के संकल्पों के साकार होने का विश्वास दिलाती हैं।

बिरला आज दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के उत्तरी परिसर में स्थित दौलत राम कॉलेज के 61वें वार्षिकोत्सव में छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। बिरला ने कहा कि नारी शक्ति का सम्मान भारतीय परंपरा और संस्कृति का हिस्सा है। महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले, बाबा साहब अंबेडकर जैसे समाज सुधारकों को याद करते हुए बिरला ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। बिरला ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं के योगदान को याद करते हुए कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। वास्तव में, रानी लक्ष्मीबाई ने ही आजादी के आंदोलन की नींव रखी थी। बिरला ने व्यक्त किया कि बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी के कारण ही हमारा स्वतंत्रता संग्राम सफल हो सका।

बिरला ने आजादी के बाद से अब तक देश के विकास में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि हर क्षेत्र में आज देश की महिलाएं अग्रिम भूमिका निभा रही हैं। फाइटर प्लेन से लेकर सीमाओं पर युद्ध हो, चाहे अर्ध सैनिक बल हो, हर जगह महिलायें अग्रिम पंक्ति पर खड़ी हैं। सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) के माध्यम से लाखों महिलायें अपने छोटे-छोटे उद्योग चलाकर समाज में एक बड़ा बदलाव ला रही हैं। बिरला ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी किसी अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी शैक्षणिक दौरों के लिए संसद आते हैं, तो ऐसा देखने में आता है कि पुरुषों की तुलना में महिला प्रशिक्षुओं की संख्या अधिक होती है।

बिरला ने कहा कि समय के साथ महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी भी बढ़ी है। जब हमारा देश आज़ाद हुआ था, तब देश की संविधान सभा में महिलाओं की संख्या 15 थी। वहीं आज 115 महिला भारत की संसद में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र तक की सभी लोकतान्त्रिक संस्थाओं में आज 14 लाख से ज्यादा महिलायें नेतृत्व करते हुए समाज में सामाजिक और आर्थिक बदलाव ला रही हैं।

बिरला ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि युवा शक्ति अपने इनोवेशन, क्रिएटिविटी से महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रही हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि उनका हर कदम यह सुनिश्चित करे की समाज में महिलाओं के सशक्तिकरण हो। बिरला ने उनसे विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने पर ध्यान देने का आग्रह किया।