अहमदाबाद/गांधीनगर, 23 फरवरी । 15वीं गुजरात विधानसभा बिना विपक्ष के रहेगी। इस संबंध में कांग्रेस ने सदन में नेता प्रतिपक्ष का पद मांगा था, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी मांग को ठुकरा दिया है। इससे यह पहला मौका होगा, जब गुजरात विधानसभा में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं होगा।
राज्य कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष शंकर चौधरी ने को पत्र लिखकर नेता प्रतिपक्ष के पद की मांग की थी। इस आवेदन को विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहकर ठुकरा दिया कि कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या 10 फीसदी से कम है। ऐसे में नेता प्रति पक्ष का पद कांग्रेस को नहीं दिया जा सकता।
नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं मिलने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि संविधान के अंदर है कि सदन में जो दूसरे नंबर की पार्टी होती है, उसे नेता प्रतिपक्ष का पद मिलता है। राज्यसभा और लोकसभा में एक प्रावधान यह किया गया है कि वहां 10 फीसदी संख्या होनी चाहिए, लेकिन राज्यों में करीब-करीब सभी राज्यों में दूसरे नंबर की पार्टी को हमेशा से नेता प्रतिपक्ष का पद दिया जाता रहा है। मोढवाडिया ने कहा कि गुजरात विधानसभा में पारित प्रस्ताव के तहत स्पष्ट प्रावधान है कि दूसरे नंबर की कोई भी पार्टी हो उसे नेता प्रतिपक्ष का पद दिया जाता है। गुजरात में 10 फीसदी सदस्यों के प्रावधान की की बात की जा रही है, ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में 182 सीटों में से भाजपा ने 156 सीट जीत कर सभी को चौंका दिया था। इसके अलावा कांग्रेस ने 17, आम आदमी पार्टी ने 5 और समजवादी पार्टी ने 1 सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि तीन निर्दलियों ने भाजपा को पहले ही समर्थन दे दिया है।