नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के विचार को खत्म करने में जनजातीय युवाओं को भूमिका निभानी चाहिए।
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने बुधवार को नई दिल्ली में 200 जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम (टीवाईईपी) के तहत जनजातीय युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों में अपने निहित स्वार्थ के लिए भ्रांति फैलाई जा रही है कि देश में जनजाति समुदाय के बच्चों का कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंसा से रोजगार नहीं मिल सकता, बल्कि विकास और आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए समाज की मुख्यधारा से जुड़ना जरूरी है।
शाह ने कहा कि जो लोग वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टॉवर, सड़क और अन्य जरूरी सुविधाएं नहीं आने देना चाहते, वो युवाओं के उज्जवल भविष्य की राह में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि ये युवाओं की जिम्मेदारी है कि वो ना तो खुद गलत रास्ते पर जाएं और ना ही दूसरों को जाने दें। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवादी और उनकी विचारधारा देश के विकास और उज्जवल भविष्य के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के विचार को खत्म करने में जनजाति युवाओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जनजाति युवाओं को देश भ्रमण के बाद अपने गांव वापस जाकर सबको बताना चाहिए कि देश आज हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और जनजातियों के लिए हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि किसी का जन्मस्थान महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि जीवन में किए गए कार्य महत्वपूर्ण होते हैं, केवल पुरुषार्थ से ही धन, विद्या और सम्मान प्राप्त किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय पिछले 15 वर्षों से जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम (टीवाईईईपी) चला रहा है। यह कार्यक्रम युवा मामले व खेल मंत्रालय के अधीन नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के माध्यम से चलाया जा रहा है। इसमें वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों के अंदरूनी हिस्से से जनजातीय युवक और युवतियों को देशभर के प्रमुख शहरों और महानगरों के भ्रमण पर ले जाया जाता है।