भोपाल, 12 मार्च । केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में जन-जन में विकास और विश्वास की अमिट छाप छोड़ी है। रंगपंचमी का दिन श्योपुर के लिए अविस्मरणीय है। आज जिले के विकास के लिये एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन हुआ है। मुख्यमंत्री चौहान ने आज अन्नदाताओं को सिंचाई के क्षेत्र में दो बड़ी सौगातें दी हैं। एक का लोकार्पण तो दूसरे का भूमि-पूजन हुआ है, इससे क्षेत्र की तकदीर और तस्वीर बदल जाएगी।
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया रविवार को श्योपुर में आयोजित विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर तोमर भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री चौहान और केन्द्रीय मंत्रीद्वय ने कार्यक्रम में 768 करोड़ रुपये के मेडिकल कॉलेज भवन, मूंझरी वृहद सिंचाई परियोजना, प्रेमसर-रिनीखेड़ा मुढला मार्ग और सीएम राइज शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन के शिलान्यास और 245 करोड़ 41 लाख रुपये के विकास कार्यों के लोकार्पण किया। इस मौके पर 167 करोड़ 58 लाख रुपये की लागत वाली चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री चौहान ने भी संबोधित किया।
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने श्योपुर के विकास और अपने जुड़ाव का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रीमंत माधो महाराज ने आवदा डेम के साथ ही 100 वर्ष पहले नैरोगेज ट्रेन की सुविधा श्योपुर को दी थी। वर्तमान में आवश्यकता और अपेक्षाएँ बदलने पर केन्द्रीय मंत्री तोमर के साथ संयुक्त प्रयासों से इस क्षेत्र को ब्राडगेज रेल से जोड़ा जा रहा है। प्रथम चरण में ब्राडग्रेज रेल परियोजना में ग्वालियर से श्योपुर को और दूसरे चरण में श्योपुर से कोटा को जोड़ा जायेगा। प्रथम चरण का कार्य प्रगति पर है।
श्योपुर के लिए आज का दिन ऐतिहासिकः तोमर
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्योपुर के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। श्योपुर दूरस्थ एवं पिछड़ा जिला है, लेकिन मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में सडकें, विद्युतीकरण, सिंचाई, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र का विस्तार हुआ है। श्योपुर जिला अब अग्रणी जिले के रूप में पहचाना जाने लगा है।
उन्होंने कहा कि श्योपुर में मेडिकल कॉलेज होगा, यह किसी ने सोचा भी नहीं था। आज मुख्यमंत्री चौहान ने कॉलेज भवन की आधारशिला रखी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को श्योपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 258 करोड़ रूपये की राशि प्रदान करने के लिये धन्यवाद दिया। तोमर ने कहा कि श्योपुर में अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी नही रहेगी। लोगों को उपचार के लिए ग्वालियर, कोटा, सवाई माधोपुर, जयपुर और बांरा जाने की जरूरत नहीं होगी। श्योपुर अब डॉक्टर बनने की फैक्टरी बन जायेगा। यहां से डॉक्टरी पढ़ कर निकलने वाले चिकित्सक देश में अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।a
केन्द्रीय मंत्री तोमर ने मूंझरी डेम के लिये मुख्यमंत्री चौहान को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस डेम को 2017 में ही स्वीकृति दे दी थी और इसका टेण्डर भी हो गया था। उन्होंने कहा कि 167 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत की चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से 12 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। कूनों नदी पर बनने वाले डेम की श्रंखला में श्रीमंत माधवराव सिंधिया वृहद सिंचाई परियोजना पर भी कार्य किया जायेगा। इस परियोजना से श्योपुर, ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड, गुना सहित अन्य जिले लाभान्वित होंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि वर्ष 2003 में श्योपुर जिले के हालात कैसे थे, उस स्थिति से हम सब अवगत है। श्योपुर की पहचान कूनों पालपुर, वीरपुर के जंगलों से होती थी। मुख्यमंत्री चौहान एवं केन्द्रीय मंत्रियों के नेतृत्व में अब श्योपुर, देश में ही नही, विदेश में भी पहचान बना रहा है। जिले में सिंचाई के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हो रही हैं। मेडिकल कॉलेज से श्योपुर को एक नई दिशा मिलेगी। कूनों अभयारण्य में चीतों को बसाने की योजना ने देश-विदेश में श्योपुर को पहचान दिलाई है। यह परियोजना पर्यावरण संतुलन के क्षेत्र में भी उपयोगी है।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सिंचाई में आयी क्रांति: सिलावट
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में सिंचाई के क्षेत्र में क्रांति आयी है। राज्य सरकार कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आज चंबल सूक्ष्म सिंचाई योजना के लोकार्पण और मूंझरी बांध के भूमि-पूजन से क्षेत्र के 86 गांव को लाभ मिलेगा। सिंचाई परियोजनाओं से 119 गांव में पेयजल व्यवस्था भी होगी। कार्यक्रम में उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के प्रयासों से श्योपुर को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। चीतों का सफल पुनर्स्थापन राज्य सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। प्रदेशवासियों की परिवार की तरह चिंता करने वाले मुख्यमंत्री चौहान श्योपुर के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। श्योपुर को मेडिकल कॉलेज की सौगात उनकी इस प्रतिबद्धता का प्रतीक है।