नई दिल्ली, 01 फरवरी । देश के पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट पर निराशा जताई है। चिदंबरम ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट गरीब विरोधी है। इस बजट से अधिकतर लोगों की उम्मीदों को ठेस पहुंचा है।
चिदंबरम ने कहा कि यह सरकार लोगों और उनके जीवन, आजीविका की चिंताओं से बहुत दूर है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में एक बार भी बेरोजगारी शब्द का उल्लेख नहीं किया। उन्होंने मात्र दो बार पूरे भाषण में गरीब शब्द का उपयोग किया था। चिदंबरम ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि देश की गरीब जनता इस बात को समझेगी।
चिदंबरम ने कहा कहा कि सरकार अपनी ही काल्पनिक दुनिया में जी रही है। आर्थिक सर्वेक्षण ने दुनिया और भारत के सामने आने वाली सभी बाधाओं को सूचीबद्ध किया, लेकिन इन बाधाओं के सामना करने के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई है। बजट भाषण में विपरीत परिस्थितियों को भी स्वीकार नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि बजट से न तो युवाओं को फायदा हुआ है न ही गरीबों को और न ही गृहणियों को कोई लाभ हुआ है। यह बजट अमीर और गरीब के बीच की खाई को और अधिक बढ़ाने वाला है। उन्होंने कहा कि बजट में पेट्रोल, डीजल, सीमेंट, उर्वरक आदि की कीमतों में कमी नहीं की गई है । इसका असर देश की बड़ी आबादी पर पड़ेगा।