सामाजिक सुधारों के मामले में वल्लालर अपने समय से आगे थे : प्रधानमंत्री

सामाजिक सुधारों के मामले में वल्लालर अपने समय से आगे थे : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रसिद्ध तमिल शैव संत रामलिंग स्वामी (वल्लालर) को उनकी 200वीं जयंती पर नमन करते हुए कहा कि सामाजिक सुधारों के मामले में वल्लालर अपने समय से आगे थे।

प्रधानमंत्री ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वडालूर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वल्लालर भारत के सबसे सम्मानित संतों में से एक हैं जो 19वीं सदी में इस धरती पर आये और उनकी आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती है। मोदी ने कहा, वल्लालर का प्रभाव वैश्विक है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कई संगठन उनके विचारों और आदर्शों पर काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, जब हम वल्लालर को याद करते हैं, तो हम उनकी सेवा और करुणा की भावना को याद करते हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि वल्लालर जीवन के ऐसे तरीके में विश्वास करते थे जहां साथी मनुष्यों के प्रति करुणा प्राथमिक थी। प्रधानमंत्री ने भुखमरी दूर करने में उनके सबसे महत्वपूर्ण योगदान और प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और कहा, एक इंसान के खाली पेट सोने से ज्यादा दुख उन्हें किसी और चीज से नहीं हुआ। उनका मानना था कि भूखे लोगों के साथ भोजन साझा करना दयालुता के सभी कार्यों में सबसे महान कार्य है। उन्होंने कहा कि सरकार उनके आदर्श के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने कोविड महामारी के दौरान मुफ्त राशन प्रदान करके 80 करोड़ साथी भारतीयों को परीक्षण के समय में बड़ी राहत प्रदान करने का उदाहरण दिया।

मोदी ने कुरल को और अधिक लोकप्रिय बनाने के वल्लालर के प्रयासों और आधुनिक पाठ्यक्रमों को दिए गए महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वल्लालर चाहते थे कि युवा तमिल, संस्कृत और अंग्रेजी में पारंगत हों। भारत को 3 दशकों के बाद मिली राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नीति नवाचार, अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे शैक्षिक परिदृश्य को बदल रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा, जब सामाजिक सुधारों की बात आती है तो वल्लालर अपने समय से आगे थे। भगवान के बारे में वल्लालर का दृष्टिकोण धर्म, जाति और पंथ की बाधाओं से परे था। उन्होंने कहा कि वल्लालर ने ब्रह्मांड के प्रत्येक परमाणु में दिव्यता देखी और मानवता से इस दिव्य संबंध को पहचानने और संजोने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास में उनका विश्वास तब और भी मजबूत हो जाता है जब वह वल्लालर को श्रद्धांजलि दे रहे हैं क्योंकि उनकी शिक्षाओं का उद्देश्य एक समान समाज के लिए काम करना है।

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि वल्लालर ने नारी शक्ति वंदन विधेयक के पारित होने का आशीर्वाद दिया होगा जो विधायी निकायों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करता है। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि समय और स्थान के पार भारत के सांस्कृतिक ज्ञान में विविधता महान संतों की शिक्षाओं के सामान्य धागे से जुड़ी हुई है जो एक भारत, श्रेष्ठ भारत के सामूहिक विचार को ताकत देती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने वल्लालर के आदर्शों को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और सभी से प्रेम, दया और न्याय के उनके संदेश को फैलाने का आग्रह किया।