कोलकाता, 04 नवंबर । उच्च माध्यमिक परीक्षा में पिछले साल की तरह इस बार भी नकल रोकने के लिये मेटल डिटेक्टर का इस्तेमाल किया जायेगा। पिछले साल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद ने परीक्षा में तकनीक की मदद से नकल रोकने के लिए आरएफडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी डिटेक्टर डिवाइस) का इस्तेमाल किया गया। जिसका फायदा भी हुआ। इस डिवाइस की मदद से पांच मोबाइल फोन पकड़े गए। प्रायोगिक तौर पर इस तकनीक के सफल प्रयोग के कारण उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 2024 में उच्च माध्यमिक परीक्षा के दौरान इस उपकरण का उपयोग करने का निर्णय लिया है। हाई स्कूल की अंतिम परीक्षाओं की तरह आरएफडी के साथ-साथ हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टरों का भी उपयोग किया जाएगा।
आरएफडी का उपयोग राज्य संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में कई वर्षों से किया जा रहा है। उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने राज्य संयुक्त प्रवेश बोर्ड के सहयोग से 2023 उच्च माध्यमिक परीक्षा में मोबाइल को ब्लॉक करने के लिए आरएफआईडी का उपयोग किया। डिवाइस का उपयोग राज्य में केवल उन परीक्षण केंद्रों पर किया गया था जिन्हें अत्यधिक संवेदनशील चिन्हित किया गया था।
उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों ने डिवाइस हाथ में लेकर करीब 200 पूर्व चिन्हित संवेदनशील केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। कोई उपकरण परीक्षण स्टेशन में मौजूद होने पर आरएफडी ने रेडियो सिग्नल दी। परीक्षा के दिनों में परिषद के अध्यक्ष ने स्वयं इस उपकरण के साथ कई परीक्षा केंद्रों का दौरा किया।
उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद सूत्रों के अनुसार, इस बार भी रेडियो फ्रीक्वेंसी डिटेक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। मूल रूप से, बहुत संवेदनशील केंद्रों में उपयोग किया जाना है। हायर सेकेंडरी परीक्षा 16 फरवरी से शुरू होगी जो 29 फरवरी तक चलेगी। हायर सेकेंडरी परीक्षा के समय में भी बदलाव किया गया है। परीक्षा दोपहर 12 बजे शुरू होगी और समापन दोपहर 3:15 बजे होगा।
परिषद सूत्रों के अनुसार, परीक्षा की तैयारी भी तेज हो गयी है। परिषद के अध्यक्ष चिरंजीव भट्टाचार्य 22 नवंबर से जिलों का दौरा शुरू करेंगे। वह परीक्षा संचालन से संबंधित सभी मुद्दों पर परीक्षा प्रभारी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। परीक्षा को सही ढंग से आयोजित करने के लिए क्या करना चाहिए, इस बारे में निर्देश देंगे।