बंगाल सरकार का सख्त निर्देश : शववाही वाहन मिलने पर ही अस्पतालों से छोड़ी जाएगी डेड बॉडी

बंगाल सरकार का सख्त निर्देश : शववाही वाहन मिलने पर ही अस्पतालों से छोड़ी जाएगी डेड बॉडी

कोलकाता, 23 मई । पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में बच्चों की मौत के बाद उनके मां-बाप और अन्य परिजनों की ओर से साइकिल पर अथवा कंधे या बैग आदि में शव भरकर ले जा जाने की घटनाों से किरकिरी झेल चुकी पश्चिम बंगाल सरकार ने इस संबंध में कड़ी निर्देशिका जारी की है। राज्य सचिवालय की ओर से मंगलवार को सभी जिलाधिकारियों और मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश भेजा गया है कि किसी भी सरकारी अस्पताल में मरीज की मौत होने पर जब तक बॉडी को ले जाने के लिए शव वाही वाहन की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक बॉडी नहीं छोड़ी जाएगी। स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने उक्त निर्देश दिया है।

पिछले हफ्ते शुक्रवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया था जिसमें एक बच्चे की मौत के बाद पिता बैग में शव भरकर घर लौटने के लिए मजबूर हुआ था । इसे लेकर हुई चौतरफा आलोचना के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार मंथन कर रहे थे। अस्पताल प्रबंधन को यह भी निर्देश दिया गया है कि किसी की मौत के बाद उसके परिजनों से संपर्क कर यह खोज खबर लेनी होगी कि उसके पास बॉडी ले जाने की व्यवस्था है या नहीं। अगर नहीं है तो उसे वाहन की व्यवस्था करके देनी होगी। निगम ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आवश्यकता के समय अगर अस्पताल के पास अपनी गाड़ी ना हो तो स्थानीय नगर पालिका या पंचायत के जरिए शववाही वाहन की व्यवस्था करनी होगी।

उल्लेखनीय है कि हाल में राज्य में कई ऐसे मामले सामने आए थे जहां बच्चों की मौत के बाद घर वाले उसे मोटरसाइकिल पर कंधे पर लादकर अथवा बैग में भरकर ले जाने के लिए मजबूर हुए थे। इसे लेकर ममता सरकार की खूब किरकिरी हुई थी।