कोलकाता, 21 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर आवश्यक दवाओं की बढ़ी हुई कीमतों पर चिंता जताई है। यह पत्र राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा आठ आवश्यक दवाओं की कीमतों में वृद्धि के बाद लिखा गया है। ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है और कहा कि यह आम जनता के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
दो पन्नों के इस पत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकों का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी नीतियों को इसी लक्ष्य के अनुरूप बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने लिखा, मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि संबंधित मंत्रालय को इस मूल्य वृद्धि के फैसले पर तुरंत पुनर्विचार करने के निर्देश दें, ताकि आम जनता के स्वास्थ्य और भलाई के हितों की रक्षा की जा सके।
बनर्जी ने आगे कहा, शायद, हमारा उद्देश्य वाणिज्यिक व्यावहार्यता और नागरिकों के सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं के अधिकार के बीच संतुलन बनाए रखना होना चाहिए। नागरिकों का कल्याण अत्यंत महत्वपूर्ण है और सभी हितधारकों को अपनी नीतियों को इस प्रतिबद्धता के अनुरूप बनाना चाहिए।
एनपीपीए, जो देश में दवाओं की कीमतों की निगरानी करता है, का उद्देश्य आवश्यक दवाओं को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराना है। हाल ही में प्राधिकरण ने आठ दवाओं के 11 निर्धारित रूपों की कीमतों में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि की अनुमति दी है। इन दवाओं का उपयोग मुख्य रूप से अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, तपेदिक और मानसिक स्वास्थ्य विकारों के इलाज में किया जाता है।