उदयपुर के फतहसागर में एक लाख से अधिक मछलियों के मरने की आशंका

उदयपुर के फतहसागर में एक लाख से अधिक मछलियों के मरने की आशंका

उदयपुर, 26 जून । झील संरक्षण समिति ने उदयपुर की फतहसागर झील में कुछ सैंकड़ों नहीं वरन एक लाख से भी ज्यादा संख्या में मछलियों के मरने की आशंका जताई है। फतहसागर किनारे व भीतर मृत मछलियों की भारी सड़ांध व्याप्त है। रविवार को दिन भर श्रमिक मृत मछलियों को बोरी के कट्टों मे भर भर कर हटाने में लगे रहे। मौके का निरीक्षण करने पहुंचे झील प्रेमियों ने मछलियों की मौत की इस विभीषिका पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया।

झील संरक्षण समिति के डॉ. अनिल मेहता ने कहा कि ऐसी भयावह स्थिति पिछोला सहित राज्य की अन्य झीलों में भी हो सकती है। इसके लिए स्थानीय निकाय, मत्स्य विभाग, जल संसाधन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के दल का गठन कर झील तंत्र की निरंतर निगरानी की व्यवस्था बनानी चाहिए।

झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पेयजल की झील मे मृत मछलियाँ मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। मछलियों की मौत के कारणों का गंभीर विश्लेषण कर इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

गांधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंद किशोर शर्मा ने कहा कि मृत मछलियों को कहा विसर्जित किया जा रहा है, इसकी निगरानी भी सरकारी विभागों को करना चाहिए, अन्यथा मानव स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।

झील प्रेमी द्रुपद सिंह ने कहा कि झील में विसर्जित हो रही गंदगी मछलियों की मौत का एक कारण है। यह गंदगी नागरिकों के लिए भी जानलेवा है।