जयपुर, 07 अप्रैल । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने राष्ट्रीय सेवा भारती के तीन दिवसीय सेवा संगम का शुक्रवार को शुभारंभ किया। सेवा संगम परिसर में प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इसमें सेवा और स्वावलंबन की झलक दिखाई दे रही है।
प्रदर्शनी स्थल में प्रवेश करते ही बांई ओर एक पेड़ देश के नाम से पांडाल तैयार किया गया है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि की प्रदर्शनी जल, जंगल, जमीन बचाने की सीख दे रही है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के महानगर प्रमुख हनुमान प्रसाद शर्मा ने बताया कि इसमें हमारे तीन उपक्रम शामिल किए हैं। पेड़, पानी और कूड़ा प्रबंधन। इसका जीवंत प्रदर्शन भी किया गया है। प्रदर्शनी में पुरानी अनुपयोगी चीजों में छोटे पौधे लगाए गए हैं। जूतों में पौधे देखकर हर कोई आश्चर्य चकित रह जाता है।
प्रदर्शनी के आखिरी हिस्से में पौधे लगाकर लाइव प्रदर्शन भी किया गया है। पांडाल के मध्य भाग में ग्रहों और नक्षत्रों के अनुसार पौधे लगाए गए हैं। पांडाल में खड़ी वैन सबका ध्यान खींच रही है। यह छत के पानी को स्टोर करने के नए तरीके से जुड़ी है। इसमें सबकुछ प्रेक्टिकल करके दिखाया गया है। बारिश का पानी छत पर पाइप के माध्यम से वॉल में होता हुआ स्टोरेज होता है। यह पानी सालभर पीने और अन्य काम में लिया जा सकता है।
इसी पांडाल में गोमाता के उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए थे। गाय के गोबर और गोमूत्र से फिनायल आदि बनाकर प्रदर्शित किए गए हैं। प्रदर्शनी स्थल पर सघन वन लगाया हुआ है। इसकी चौड़ाई और लंबाई 20 फीट है, जिसमें 40 पेड़ लगाए हुए हैं। यह एक विशेष पद्धति से लगाया है। जब यह सारे एक साथ खड़े हो जाएंगे, क्षेत्र वन की तरह हो जाएगा। इसमें बड़, पीपल, गूलर के पौधे अच्छी तरह पनपते हैं। एक अन्य आकर्षण रसोई की बगिया है। इसमें रसोई से निकलने वाले वेस्ट का उपयोग होता है। फल और सब्जियों के छिलकों को ड्रम में डाला जाता है। ड्रम में आठ छेद कर आठ पौधे लगाए जाते हैं। इससे ज्यादा या कम भी पौधे लगाए जा सकते हैं।