हरिद्वार, 23 अप्रैल । मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जन-जन के आराध्य हैं और प्रत्येक भारतवासी के हृदय में विराजमान हैं। जिनके आदर्श से प्रेरणा लेते हुए सभी को सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहकर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए।
उक्त बातें भूपतवाला स्थित चेतन ज्योति आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानंद महाराज की स्मृति में आयोजित श्री रामचरितमानस के अखंड पाठ के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कही।
उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम का नाम जपने से व्यक्ति में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। और उसके जीवन की समस्त दुश्वारियों का शमन होता है। ब्रह्मलीन स्वामी वागीश्वरानंद महाराज महान एवं तपस्वी संत थे। जिनका प्रेरणादायक जीवन अनंत काल तक समाज का मार्गदर्शन करता रहेगा। हम सभी को ऐसे महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए।
युवा भारत साधु समाज के अध्यक्ष महंत शिवानंद एवं महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि महापुरुषों का जीवन जनकल्याण के लिए समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन स्वामी बागीश्वरानंद महाराज का जीवन निर्मल जल के समान था। संत समाज के इतिहास में उनका नाम स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। मानव सेवा उनके जीवन का मूल उद्देश्य था। उन्होंने सदैव ही भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म और संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में अपना योगदान दिया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।
इस दौरान मनोज महंत, गोपाल महंत, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत सूरज दास, महंत दुर्गादास, महंत प्रह्लाद दास मौजूद रहे।