ऋषिकेश, 31 अगस्त । श्रावणी मास की पूर्णिमा के अवसर पर नगर की धार्मिक, संस्कृत शिक्षण संस्थाओं के साथ वैदिक ब्राह्मणों ने विधि विधान के साथ जनेऊ उपाकर्म संस्कार किया।
गुरुवार को आयोजित जनेऊ उपाकर्म समारोह के दौरान जय राम आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी की अध्यक्षता में पंडित मायाराम शास्त्री, दर्शन संस्कृत महाविद्यालय, पंजाब सिंध क्षेत्र संस्कृत साधु महाविद्यालय, बाबा काली कमली संस्कृत विद्यालय सहित वैदिक ब्राह्मण महासभा ने त्रिवेणी घाट पर जनेऊ उपाकर्म संस्कार करवाया।
वैदिक ब्राह्मण महासभा ऋषिकेश द्वारा शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम महाराज के शिष्य और जनार्दन आश्रम दंडीवाडा मायाकुंड ऋषिकेश के प्रबंधक महंत केशव स्वरूप ब्रह्मचारी के पावन सानिध्य में त्रिवेणी घाट पर बड़े ही विधिविधान से श्रावणी उपाकर्म संस्कार किया गया। हर वर्ष की भांति वैदिक ब्राह्मण महासभा ऋषिकेश के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता त्रिवेणी घाट पर एकत्रित हुए। इसके बाद गंगा जी में दशविधि स्नान किया गया। उसके बाद विधि विधान से गणेश आदि देवताओं के पूजन तथा विशेष यज्ञोपवितों (जनेऊ) का वर्ष भर पहनने के लिए पूजन किया गया।
वैदिक ब्राह्मण महासभा ऋषिकेश के अध्यक्ष मणिराम पैन्यूली ने बताया कि श्रावणी उपाकर्म ब्राह्मणों का मुख्य त्यौहार है इस दिन पूरे वर्ष के लिए जनेऊ का पूजन किया जाता है,और जनेऊ धारण विधि विधान से किया जाता हे,ये प्राचीन ऋषियों की परम्परा है, जिसको वैदिक ब्राह्मण महासभा ऋषिकेश आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है।
इस अवसर पर वैदिक ब्राह्मण महासभा के महामंत्री महेश चमोली,गंगा राम व्यास प्रवक्ता डॉ.जनार्दन कैरवान, शिव प्रसाद सेमवाल,जगमोहन मिश्रा, राकेश भरद्वाज, नरेंद्र सकलानी, राकेश लसियाल,योगेश नोटियाल, शैलेंद्र मिश्रा,सोमनाथ नोटियाल, शिवस्वरुप नौटियाल, शोरभ सेमवाल, अमित कोठारी, सुरेश पंत शंकर मणि भट्ट, पुरुषोत्तम रणाकोटी,शिवप्रसाद उनियाल, सुरेश भट्ट आदि उपस्थित थे।