बिहारशरीफ 31 जनवरी । नालंदा जिले अंतर्गत पयर्टक स्थल राजगीर में जिलाधिकारी-सह- अध्यक्ष राजगीर क्षेत्रीय आयोजना क्षेत्र प्राधिकार के तहत लैंड यूज मैपिंग कार्य का शुभारंभ को लेकर शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में मंगलवार को प्राधिकार की बैठक हुई।इस प्राधिकार के माध्यम से राजगीर क्षेत्रीय आयोजना क्षेत्र के समेकित विकास हेतु मास्टर प्लान तैयार करने हेतु कार्रवाई की गयी है। वहीं राजगीर आयोजना क्षेत्र में लगभग 420 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को शामिल किया गया है।इसमें राजगीर, सिलाव, गिरियक एवं कतरीसराय अंचल पूर्ण रूप से तथा नूरसराय अंचल के बेगमपुर मौजा का क्षेत्र शामिल है। साथ ही शामिल सम्पूर्ण क्षेत्र के वर्तमान स्थिति के आधार पर लैंड यूज़ पैटर्न की मैपिंग की गई है।
लैंड यूज़ पैटर्न से सबंधित प्राप्त दावा आपत्तियों का निराकरण भी किया गया है।वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा संरक्षित कोर एरिया एवं इसके बफ़र जोन में अनुमान्य गतिविधियों के अनुरूप लैंड यूज़ पैटर्न को शामिल किया गया है। इसमें प्राप्त दावा आपत्तियों के आलोक में अनुमान्य संशोधन के साथ लैंड यूज़ पैटर्न को फाइनल करते हुए प्राधिकार द्वारा नक्शा को अनुमोदित किया गया है। अनुमोदित नक्शा को स्वीकृति हेतु राज्य सरकार को भेजा गया है।
इस कार्यक्रम में प्राधिकार के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी-सह-अनुमंडल पदाधिकारी राजगीर अनीता कुमारी, हुडको के संयुक्त महाप्रबंधक परियोजना के एस के सिन्हा, अंचलाधिकारी राजगीर/सिलाव/गिरियक, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद राजगीर/नगर पंचायत सिलाव/नगर पंचायत नालंदा तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नई दिल्ली से हुडको के पदाधिकारीगण जुड़कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया।