नवम्बर के चौथे सप्ताह में चालू होगा हसनपुर चीनी मिल में गन्ना की पेराई

बेगूसराय, 20 अक्टूबर । बेगूसराय और समस्तीपुर सहित आसपास के जिलों के किसानों की आर्थिक उन्नति एवं समृद्धि का आधार हसनपुर चीनी मिल में गन्ना की पेराई इस वर्ष नवम्बर के चौथे सप्ताह में चालू करने की तैयारी चल रही है। इस सीजन में 80 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा गया है।

चीनी मिल के गन्ना उप प्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि इस बार शीतकालीन गन्ना के लिए 20 हजार एकड़ में खेती का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए गन्ने का प्रभेद सीओएलके- 14201, सीओ- 0118, सीओ- 15023, सीओजे- 85 उत्तम है। क्षेत्र के किसानों के लिए सबसे पसंदीदा प्रभेद सीओ 0238 है, लेकिन यह प्रभेद पुराना होने के कारण प्रतिरोधक क्षमता कम जा रहा है।

जिससे इसमें लाल शरण रोग पैदा हो रहा है, ऐसी स्थिति में सतर्कता बरतते हुए नए प्रभेद लगाए जाने की सलाह दी गई है। किसानों को अंतर्वर्ती खेती से दोगुना लाभ मिलेगा। इसके लिए गन्ना के साथ आलू, राजमा एवं हरा मटर लगाए जाने की सलाह दी जा रही है। गढ़पुरा, छौड़ाही एवं हसनपुर प्रखंड क्षेत्र में जल जमाव के कारण बड़े भू-भाग में गन्ना की खेती प्रभावित होती है।

इसके लिए स्थानीय सांसद, विधायक एवं प्रशासनिक अधिकारियों को पहल की जरूरत है। हसनपुर चीनी मिल में 28 हजार किसान पंजीकृत हैं। मिल द्वारा किसानों को अनुदानित दर पर बीज शोधन, फफूंद नाशक, कीटनाशक सामग्री किसानों को अनुदानित दर पर दी जा रही है। मिट्टी उपचार के लिए ट्राइकोडर्मा उपलब्ध कराया जाता है। ट्राइकोडर्मा का छिड़काव एक एकड़ में पांच किलो किया जाना है।

मिल के गन्ना उप प्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि इसी प्रकार खेतों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पर आने के लिए न्यूट्रीप्लेक्स दवा दी जाती है। किसान गाना प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व की जरूरत को इग्नोर कर देते हैं। इसका नतीजा होता है कि प्रभाव फसल पर पड़ता है, जिससे उत्पादन क्षमता में भी गिरावट आती है। इसके अलावा भी कई सलाह और सहयोग किसानों को दी जा रही है।