बरसात के समय गन्ना फसल में पोक्का बोइंग बीमारी का बढ़ता है खतरा,रखे सावधानी

बरसात के समय गन्ना फसल में पोक्का बोइंग बीमारी का बढ़ता है खतरा,रखे सावधानी

पूर्वी चंपारण,15 जुलाई ।बरसात के मौसम में गन्ने की फसल में कई प्रकार के कीटो व बीमारियो का खतरा बढ़ जाता है।जिससे फसल पर प्रतिकुल असर होने लगता है। खासकर इस मौसम में पोक्का बोइंग नामक बीमारी का प्रकोप ज्यादा होते है। मुख्यत: गन्ने में यह फ्यूजेरियम मॉनिलीफॉर्म नामक फफूंद के कारण फैलता है।

परसौनी कृषि विज्ञान केन्द्र के कीट वैज्ञानिक व सुगौली बायोफ्यूल लि.के गन्ना विशेषज्ञ के अनुसार इस अवस्था में गन्ने की ऊपर की पत्ती हल्की पीली, सफेद होने लगती है।जो कुछ दिनों बाद लाल-भूरी होकर पूर्णत:नष्ट हो जाती है।इससे गन्ने की बढ़वार रुक जाती है। साथ ही नई पत्तियों की आकृति में झुर्रियां पड़कर मुड़ने लगती है।

उन्होंने बताया कि इस बीमारी की दो अवस्था होती है,टॉप रोट अवस्था को पोका बोइंग की सबसे गंभीर अवस्था मानी जाती है। इस अवस्था में पत्ती पीली पड़ने के पश्चात चोटी के पास में निकलने वाली पत्ती सड़ने लगती है। वही नाइफ कट अवस्था से ग्रसित गन्ने में ऊपर चोटी की पत्तियां समाप्त हो जाती हैं तथा गन्ने की चोटी एक नई आकृति ले लेती है जो की चाकू नुमा हो जाती है। इस अवस्था में ग्रसित गन्ने की रोकथाम लगभग संभव नहीं होता है।यह बीमारी वातावरण में अधिक नमी,तापमान का अधिक होना तथा गन्ने की 3 से 7 महीने की अवस्था में ज्यादा होते है।

-कैसे करे इसका रोकथाम

500 ग्राम कॉपर आक्सीक्लोराइड को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। बेहतर परिणाम के लिए इसमें किसी दूसरे तत्व का मिश्रण न करें।संक्रमण होने पर 20 से 25 दिन के अंतराल पर इस दवा का दोबारा छिड़काव करें।