कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वर्ष 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा पेश किए गए ऐतिहासिक बजट का हवाला देते हुए कहा कि भारत को वर्तमान समय में भी उसी तरह के प्रभावशाली आर्थिक सुधारों की आवश्यकता है, लेकिन पिछले 11 वर्षों में सरकार की नीतियों में जड़ता की स्थिति बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की विनाशकारी आर्थिक नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था कम विकास दर से जूझ रही है।
मनमोहन सिंह ने बतौर वित्त मंत्री 24 जुलाई, 1991 को वह बजट पेश किया था जिसने भारत में उदारीकरण की बजबूत बुनियाद रखी। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, असमानता बढ़ी है, वेतन वृद्धि बुरी तरह से स्थिर हो गई है, घरेलू बचत कम हो रही है, युवाओं के पास नौकरियां नहीं हैं, मध्यम वर्ग और गरीबों को करीबी दोस्तों की मदद के लिए लूटा जा रहा है और हम एक व्यापार युद्ध का सामना कर रहे हैं, जो हमारे कृषि और विनिर्माण दोनों क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाएगा।
उन्होंने कहा कि आर्थिक नीतियों में दूरदर्शिता का अभाव है। खड़गे ने कहा कि 1991 का बजट भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, जब देश और उसके नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लाए गए।
उन्होंने कहा, तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव और तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के मार्गदर्शन में भारत ने आर्थिक सुधारों के सिलसिले के साथ एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू की जिसने आने वाली पीढ़ियों के लिए मध्यम वर्ग को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।