शिमला, 18 सितंबर । हिमाचल प्रदेश सरकार आपदा प्रभावित लोगों के लिए अपना विशेष राहत पैकेज लाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को विधानसभा में यह घोषणा की। प्रदेश की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने संबंधी प्र्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की घड़ी में केंद्र सरकार से हिमाचल को चाहे सहायता मिले न मिले, लेकिन राज्य सरकार सभी आपदा प्रभावितों की मदद करेगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आपदा से अब तक जो भी नुकसान हुआ है, राज्य सरकार इसकी भरपाई करेगी। सुक्खू ने विधानसभा में हिमाचल मे आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से संबंधित एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इसे चर्चा के बाद पारित करवा कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि विपक्ष को राष्ट्रीय आपदा के लिए लाए प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष से कहा कि वो राष्ट्रीय आपदा के लिए लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करे। उन्होंने केंद्र सरकार से मिहाचल प्रदेश को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करने की मांग की ताकि प्रदेश को भुज, केदारनाथ और जोशीमठ त्रासदी की तर्ज पर आर्थिक मदद मिल सके।
उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से अभी तक कोई राहत पैकेज नहीं मिला है। पूर्व सरकार के समय में 315 करोड़ रुपए आडिट आब्जेक्शन के कारण पेडिंग थे, सरकार ने उनको दूर किया और इसके बाद इसका 189 करोड़ आए हैं, जबकि शेष राशि आना बाकी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के रिलीफ मैनुअल में 1.25 लाख एक किलोमीटर सड़क का मिलता है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस राशि में बढ़ौतरी करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से की गई घोषणा में से अभी तक कुछ भी हिमाचल को नहीं मिला है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 200 करोड़ तत्काल देने की बात कही थी और सड़कों की आर्डनरी रिपेयर के भी पैसे देने की बात की थी। इस पर हिमाचल ने नेशनल हाइवे के लिए 60-70 करोड मांगे थे, लेकिन अब तक यह भी नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को 10 करोड़ अपने बजट से एनएच को दुरूस्त करने के लिए खर्च करने पड़े हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 10 अगस्त तक 8700 करोड़ के नुकसान के प्रस्ताव केंद्र को भेजा है. लेकिन केंद्र से अभी तक कुछ भी नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत व बचाव कार्यों के लिए जो हेलीकॉप्टर केंद्र ने उपलब्ध करवाए थे उनके राज्य सरकार को 36 करोड़ रुपए देने हैं।
अपात्रों को आपदा राहत राशि वितरण करने पर होगी सख्त कारवाई
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के आपदा प्रभावित लोगों की बजाए अपात्रों को आपदा राहत राशि देने के आरोप पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि अगर पात्र को राहत राशि नहीं मिली और उनकी जगह दूसरों को दी गई है तो उसकी विपक्ष सूची उपलब्ध करवाए। अगर किसी सरकारी अधिकारी ने गलत किया है और दूसरे को राहत राशि दी हो, तो उस पर सरकार सख्त कार्रवाई अमल में लाएगी।
आपदा से 9 हजार करोड़ का प्रत्यक्ष और 12 हजार करोड़ का अप्रत्यक्ष नुकसान, 200 से ज्यादा गांवों की धंसी जमीन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल मॉनसून के दौरान वर्षा, बादल फटने और बाढ़ से बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान होता है जिसका औसतन, नुकसान 1000 करोड़ रुपये का होता है. लेकिन इस साल 9000 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष नुकसान हुआ है और अप्रत्यक्ष नुकसान को मिलाकर यह 12000 करोड़ का है। उन्होंने कहा कि इस अभूतपूर्व त्रासदी में 17 सितंबर तक बहुमूल्य 275 मानव जीवन की हानि हुई है जिसमें से भूस्खलन से 112, बाढ़ से 19, बादल फटने 14, पानी में डूबने से 37. बिजली गिरने से 16, पेड़ एवं चट्टान के गिराने से 47 और अन्य आपदाओं के कारण 30 व्यक्तियों की मृत्यु हुई तथा 39 व्यक्ति लापता हैं। इसके अतिरिक्त सड़क दुर्घटना के कारण 166 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है. इस तरह इस वर्ष कुल 441 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनएचआई के दोषपूर्ण निर्माण के कारण कुल्लू में राज्य विद्युत बोर्ड के स्वामित्व वाली लारजी विद्युत परियोजना को भारी क्षति पहुंची है। इससे राज्य को 657.74 करोड़ रुपये की क्षति हुई है. इसके अलावा सितंबर तक विद्युत् उत्पादन में रुकावट के कारण करीब 344 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है। इस प्रकार प्रदेश के बिजली क्षेत्र को अकेले 1,000 करोड़ रुपये का अप्रत्यक्ष नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस त्रासदी ने कई गांवों को नष्ट कर दिया गया है, जिससे वे रहने लायक नहीं रह गए हैं। एक अनुमान के मुताबिक 200 से ज्यादा गांव जमीन धंसने से प्रभावित हुए हैं। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोगों को राहत शिविरों में रहना पड़ा है. कई जिलों में राहत शिविर अभी भी चल रहे हैं. दो दर्जन से ज्यादा सड़कें अभी भी बंद हैं। यह प्रदेश के लिए अभूतपूर्व आपदा है तथा इस तरह की क्षति और नुकसान हाल के वर्षाे में नहीं देखा गया है।