रतलाम: मूसलाधार बारिश से जन-जीवन प्रभावित, जलाशय हुए लबालब

रतलाम: मूसलाधार बारिश से जन-जीवन प्रभावित, जलाशय हुए लबालब

रतलाम, 16 सितंबर । शहर सहित जिले में शुक्रवार शाम से ही जोरदार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी नाले उफान पर आने से कई सडक़ मार्गों का आवागमन भी बाधित हुआ है। जहां कुछ दिनों पूर्व सामान्य बारिश से आंकड़ा काफी पीछे था । वर्षा की खेंच के कारण फसले चौपट हो रही थी जब किसानों ने उज्जैनी मनाकर भगवान इंद्र से बारिश की कामना की और कामना का फल यह नजर आ रहा है कि अब जोरदार बारिश के चलते किसान भी परेशान हो गए है और कई झोपड़ पट्टियां और वृक्ष भी इस बारिश के चलते धराशायी हो गए।

धोलावाड़ बांध के सभी गेट आज खोल दिए गए। जिले के अन्य जलाशयों में भी पानी लबालब भर गया है। रतलाम का झालीतालाब भी लगभग पूर्णता की ओर ह, इसमें भी पानी लबालब भर चुका है। वहीं सैलाना के दोनों कैदारेश्वर मंदिरों पर स्थित झरने उफान पर आ गए थे।

अवकाश घोषित हुआ

कलेक्टर ने भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए आज स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया लेकिन आदेश विलम्ब से जारी होने के कारण कई स्कूलों में बच्चें पहुंच चुके थे तब स्कूल संचालकों का आदेश मिला। अच्छा होता अवकाश की यह सूचना अन्य जिलों की तरह जिला प्रशासन शुक्रवार रात को ही जारी कर देता ताकि पालक व विद्यार्थी परेशान न होते।

आज प्रात: 8 बजे तक जिले की वर्षा

बाजना में इस अवधि में सबसे अधिक 256 मि.मी. बारिश हुई, जबकि आलोट में 171, रावटी में 152, सैलाना में 125, ताल में 92,पिपलौदा में 95, रतलाम में 85 मि.मी. वर्षा हुई। औसत वर्षा 131.25 मि.मी. हुई। सबसे अधिक बारिश बाजना में 10 इंच होने से वहां भी हालत काफी खराब हो गई। कई निचली बस्तियों में पानी भरा गया। वहीं रतलाम शहर सहित अन्य विकासखंडों के कई गांवों में भी नदी नाले उफान पर आने पर संपर्क टूट गया। रेल पटरियों पर भी पानी भर गया, लेकिन रेल यातायात बाधित नहीं हुआ। बारिश के कारण ही रतलाम-दाहोद रेल खंड पर पत्थर गिरने से आज सुबह कुछ समय के लिए रेल यातायात बाधित हुआ। खबर लिखे जाने तक रतलाम सहित जिले में बारिश का दौर जारी था।

सिखेड़ी गांव बना टापू

सिखेड़ी प्रतिनिधि के अनुसार जारी मूसलाधार बारिश से चारों तरफ पानी पानी हो गया । कई ग्रामीण क्षैत्रो में बिजली भी गुल तो कई कच्चे मकानो की दीवारे गिर गई । सिखेडी समीप गुजरने वाली गंगायता नदी उफान पर होने से गांव का सम्पर्क नामली ,रतलाम जावरा शहर से टूट गया। दुध ,सब्जी,के अलावा नौकरी करने वाले कर्मचारी अपने गंतव्य तक नही जा पाए। बारिश मे यह गांव टापु बन जाता है। गांव के लोगो ने प्रशासन एंव मुख्यमंत्री से मांग की है कि हमारी पुलिया की ऊंचाई बढाई जाए ताकि हमे इस समस्या से मुक्ति मिल सके । सुबह 4:00 बजे से लेकर शाम तक नदी उफान पर होने से गांव का आगमन बंद रहा।

दिनभर आसपास गांव में बिजली गुल रही । जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित गांव सिखेडी की 2400 से ज्यादा आबादी वाले गांव की विडम्बना है की चारो तरफ नदी होने से लोग कही आने जाने के रास्त बंद हो जाते है । यदि ऐसी स्थिती कोई व्यक्ति बिमार हो जाता है तो उसे मरने कोई नही बचा सकता।