मुख्यमंत्री ने हॉक फोर्स एवं पुलिस के 55 जवानों को आऊट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर किया सम्मानित

मुख्यमंत्री ने हॉक फोर्स एवं पुलिस के 55 जवानों को आऊट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर किया सम्मानित

बालाघाट, 22 फरवरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को बालाघाट में पुलिस विभाग के क्रम-से-पूर्व पदोन्नति अलंकरण समारोह में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले हॉक फोर्स एवं पुलिस के 55 जवानों को आऊट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, प्रदीप जायसवाल एवं पुलिस विभाग के पदाधिकारी और जवान तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं पुलिस के वीर जवानों की वीरता का सम्मान करने आया हूं। मैं वीरों की पूजा करने आया हूं। वीरता का सम्मान नहीं हुआ, तो वीरता बांझ हो जायेगी। इसलिए आपका हृदय से अभिनंदन करता हूं, केवल अपनी ओर से नहीं, मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से सैल्यूट करता हूं।

उन्होंने कहा कि हमारे वीर जवानों ने सिर पर कफन बांधकर और जान हथेली पर लेकर कार्रवाइयों को अंजाम दिया। जवानों ने नक्सलियों का सामना किया और अपनी वीरता एवं साहस के समक्ष उन्हें टिकने नहीं दिया। मैं पुन: अपने वीर जवानों का अभिनंदन करता हूं। एक साल में नक्सली मूवमेंट को समाप्त करने में ऐसी सफलता कभी नहीं मिली। सर पर कफ़न बांधकर, रात-रात भर जंगलों में पैदल चलकर हमारे जवानों ने इस कार्रवाई अंजाम दिया है। मैं सभी वीर जवानों को बधाई देता हूँ।

चौहान ने कहा कि यह नक्सलियों का नेटवर्क नेस्तनाबूद करने का साल रहा है। विगत एक वर्ष में जितने नक्सली मारे गये, उसे पिछले 9 सालों की कार्रवाइयों को कंबाइंड करके भी देखें, तो यह संख्या उससे अधिक है। 2022 में कुल एक करोड़ 18 लाख के इनामी नक्सली धराशायी हुए हैं। हमारी पुलिस ने माफिया से आर-पार की लड़ाई लड़ी। नक्सलियों के उन्मूलन के लिए सर पर कफ़न बाँधा।

उन्होंने कहा कि कोविड के कठिन दौर में जब लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे तब हमारे पुलिस के जवान चौराहे पर खड़े थे। हमारे अनेक पुलिस के जवान कोविडकाल में दूसरों की जीवन की रक्षा के लिए कार्य करते हुए शहीद हो गये। मैं उन जवानों की वीरता और कर्तव्यनिष्ठा को प्रणाम करता हूं। मुझे अपनी पुलिस पर गर्व है। हमने बेटियों की सुरक्षा के लिए मुस्कान अभियान चलाया और हमारी पुलिस बेटियों को ढूंढकर वापस लाई और उन्हें सुरक्षित घर पहुँचाने का काम किया। कोई अप्रिय घटना न हो और शराब के नशे में बहन-बेटियों से कोई दुर्व्यवहार न कर सके इसके लिए मैंने तय किया है कि मध्यप्रदेश में एक अप्रैल से अहाते बंद किए जाएंगे।