Bihar ElectionExit Poll Results : बिहार चुनाव को लेकर अनेकों एग्जिट पोल्स के बीच एक ऐसा सर्वे((अनुमान) सामने आया है जिसने बिहार चुनाव के परिणाम को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है ।हमारा अनुमान है किमहागठबंधन को स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आते हुए दिखाया हे रहेहै।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों से पहले अनेकों एजेंसियों एग्जिट पोल बीच हमारे आंकड़ा सबसे अलग है । अब तक आए 10 प्रमुख सर्वे एजेंसियों के बीच हमारा मानना है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती हुई दिखाई है। जबकि लगभग सभी अन्य एग्जिट पोल्स में एनडीए को स्पष्ट बहुमत या बढ़त दिखाई जा रही है।
महागठबंधन को 130से 145सीटें, एनडीए को 90से 110 सीटें, AIMIM को 2से 3सीटें और अन्य को 0 से 3 सीटें मिलने का अनुमान है । यानी सर्वे के अनुसार आरजेडी-कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन बहुमत के आंकड़े (122) को आराम से पार करता दिख रहा है ।
हमारे जानकारी के अनुसार महागठबंधन को बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई जैसे मुद्दों पर जनता का समर्थन मिला है, जबकि एनडीए को सत्ता विरोधी लहर का कुछ असर झेलना पड़ा है. इसके उलट, टीवी चैनलों और प्रमुख सर्वे एजेंसियों में एनडीए को 133 से 167 सीटें तक दी गई हैं ।यानी इन पोल्स में मोदी-नीतीश की जोड़ी एक बार फिर सत्ता में लौटती दिख रही है ।
ग्रामीण इलाकों में युवाओं और मुस्लिम यादव समीकरण का झुकाव महागठबंधन की ओर रहा है ।तेजस्वी यादव के रोजगार और आर्थिक सहायता के साथ हर घर नौकरी के वादों ने युवाओं में उम्मीद जगाई है ।वहीं, महिला मतदाताओं के बीच एनडीए का प्रभाव मजबूत जरूर रहा, लेकिन नये मतदाता, यानी 18 से 25 वर्ष के बीच के आयु वर्ग में महागठबंधन को बढ़त मिली है ।सीमांचल, तिरहुत और मगध क्षेत्रों में महागठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि चंपारण, पटना और नालंदा बेल्ट में एनडीए ने पकड़ बनाए रखी है. एआईएमआईएम सीमांचल की कुछ सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है ।
सर्वे के निष्कर्ष बताते हैं कि इस बार चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा केंद्रित रहा, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा एनडीए को अतिरिक्त लाभ नहीं दिला सका। नीतीश कुमार की छवि स्थिरता की रही, लेकिन महागठबंधन ने बेरोजगारी और शिक्षा के सवाल को ज्यादा प्रभावशाली ढंग से उठाया ।हमारा अनुमानकेहता हे किराजनीति की नब्ज ग्राउंड पर एनडीए से महागठबंधन की ओर झुकी हुई है जो अन्य सर्वे एजेंसियों के अनुमानों से बिल्कुल अलग ट्रेंड दिखाता है।