सेवा संगम में लिखी जा रही स्वावलंबी भारत अभियान की नई पटकथा

जयपुर, 08 अप्रैल । राष्ट्रीय सेवा भारती से जुड़े करीब चार हजार समाजसेवी इस समय जयपुर के जामडोली स्थित केशव विद्यापीठ में जुटे हुए हैं। यहां वे तीन दिन तक गूढ़ मंथन कर स्वावलंबी भारत अभियान की नई पटकथा लिखेंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को इस सेवा संगम का उद्घाटन कर देशभर से आये लगभग एक हजार सामाजिक और सहकारी संगठनों के चार हजार प्रतिनिधियों के सम्मुख भारत को समृद्ध और स्वावलंबी बनाने का मूल मंत्र दिया।

गौरतलब है कि भारत सरकार इस समय स्वावलंबी भारत अभियान चला रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी पिछले माह आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में अपना प्रस्ताव स्वावलंबन पर ही केंद्रित कर पारित किया था। ऐसे में सेवा, शिक्षा और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में करीब दो दशक से उल्लेखनीय कार्य करने वाली संस्था, राष्ट्रीय सेवा भारती ने अपने तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन सेवा संगम का ध्येय वाक्य ही स्वावलंबी भारत, समृद्ध भारत रखा है।

आयोजन के उद्घाषण भाषण में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को स्वावलंबी और सामर्थ्यवान बनाने के लिए हम सभी को संकल्प लेना होगा कि देश का कोई अंग दुर्बल न रहे। अपनी बात को और अधिक स्पष्ट करने के लिए उन्होंने एक उद्धरण भी दिया और कहा कि शरीर के किसी अंग में जब सुई चुभती है तो सारे अंग उसी का ध्यान देते हैं। समाज में भी ऐसा ही होना चाहिए। यदि समाज का कोई भाग दुर्बल अथवा उपेक्षित है तो उसकी चिंता सबको करनी होगी। इस तरह उन्होंने सेवा के सहारे देश को एकता के सूत्र में पिरोने का भी मंत्र दिया।

स्वावलंबन के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी हो रहा मंथन

सेवा के महासंगम में पहले दिन विभिन्न सत्रों में स्वावलंबन, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर चर्चा हुई। साथ ही स्वावलंबी मातृशक्ति, किशोरी विकास, ग्राम विकास, वोकल फॉर लोकल, आपदा प्रबंधन संबंधी सफलता की कहानियों का प्रदर्शन भी हुआ। इसके अलावा सामूहिक प्रयास से सक्षम और आत्मनिर्भर समाज तथा समृद्ध भारत के निर्माण पर जोर दिया गया। तीन दिन के इस कार्यक्रम में चार प्रमुख विषयों-शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक कार्य पर विशेष मंथन होगा। कार्यक्रम स्थल पर शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, स्वावलंबन, ग्राम विकास, गो सेवा तथा सामाजिक क्षेत्र में किए गए श्रेष्ठ कार्यों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है।

सेवा संगम की अनूठी तैयारी, बसाये गये हैं छह नगर

जामडोली स्थित केशव विद्यापीठ परिसर में चल रहे इस महाआयोजन के लिए अनूठी तैयारी की गई है। प्रतिनिधियों के ठहरने और खाने के लिए छह नगर बसाये गये हैं। इनमें से एक नगर सिर्फ महिला प्रतिनिधियों के लिए है। कार्यक्रम सुबह करीब साढ़े सात बजे शुरु हो जाता है और देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहता है। हालांकि मीडिया को उद्घाटन सत्र के बाद अन्य कार्यक्रमों या बैठकों में आने की अनुमति नहीं है।

सेवा भारती का यह तीसरा पंचवर्षीय समागम

राष्ट्रीय सेवा भारती की महासचिव रेणु पाठक का कहना है कि संगठन हर पांचवे वर्ष सेवा संगम का आयोजन करता है। पहला सेवा संगम साल 2010 में बंगलूरु में आयोजित किया गया था। उसमें 980 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। पहले सेवा संगम का ध्येय वाक्य परिवर्तन था। समरस भारत, समर्थ भारत ध्येय वाक्य के साथ दूसरे सेवा संगम का आयोजन वर्ष 2015 में नई दिल्ली में हुआ था। उस समागम में 3500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। उन्होंने बताया कि तीसरा सेवा संगम जयपुर में ही वर्ष 2020 में प्रस्तावित था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते उस समय उसे स्थगित कर दिया गया था, जिसे अब सात से नौ अप्रैल तक किया जा रहा है।

सार्वजनिक ट्रस्ट है राष्ट्रीय सेवा भारती

गौरतलब है कि राष्ट्रीय सेवा भारती एक सार्वजनिक ट्रस्ट है। इसका पंजीकरण वर्ष 2003 में हुआ था। संगठन का मुख्य उद्देश्य एक छत के नीचे राष्ट्रवादी विचारों के साथ सामाजिक कार्य करने वाली संस्थाओं को संगठित कर उनका पोषण करना तथा उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण, विश्लेषण और कार्यान्वयन में सहायता देना है। स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता और अन्य सामाजिक गतिविधियों के लिए यह संस्था अपने 45 प्रतिनिधि संगठनों, और 1200 अन्य संबद्ध ट्रस्टों और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से पूरे देश में काम कर रही है।

संस्था से जुड़े एक समाजसेवी ने बताया कि सेवा भारती 43,045 सेवा परियोजनाओं द्वारा समाज को सशक्त, समरस बना एकता के सूत्र में बांधने के लिए प्रयासरत है। इसके द्वारा देश के 117 जिलों में 12,187 स्वयं सहायता समूह संचालित किए जा रहे हैं। इन स्वयं सहायता समूहों में लगभग 1,20,000 सदस्य हैं। इन समूहों में 2451 समूह स्वावलंबन के कार्यों में सक्रिय हैं।

महासचिव रेणु पाठक बताती हैं कि सेवा भारती ने पिछले साल 25 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया। इसके साथ ही दक्षता, स्वास्थ्य, कौशल विकास और महिला सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों में संगठन लगातार काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि संगठन का लक्ष्य हर व्यक्ति तक रोजगार पहुंचाकर उसे आत्मनिर्भर बनाना है।