राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आर.के.शर्मा ने कार्यभार संभाला

राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आर.के.शर्मा ने कार्यभार संभाला

जयपुर, 5 फरवरी । ऊर्जा विभाग राजस्थान द्वारा आर.के.शर्मा को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक पद पर नियुक्त किया गया है। जारी आदेश के अनुसार उनका कार्यकाल एक वर्ष रहेगा। शर्मा ने शनिवार को विद्युत भवन, जयपुर में सीएमडी का कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

इंजीनियर आर.के.शर्मा नवम्बर 2020 से जनवरी 2021 तक उत्पादन निगम के निदेशक (परियोजना) पद पर रहे। उसके बाद से विद्युत निगम में अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक का दायित्व बखूबी संभाल रहे हैं। उनको ऊर्जा एवं विद्युत उत्पादन क्षेत्र में 39 वर्ष से अधिक सुदीर्घ कार्य करने का अनुभव है। वे कोटा सुपर थर्मल, सूरतगढ़ सुपर थर्मल, छबड़ा सुपर थर्मल एवं कालीसिंध सुपर थर्मल जैसे प्रमुख बिजलीघरों में 30 वर्ष से अधिक समय तक ऑपरेशन, मेंटीनेन्स, सी.एंड आई. एवं कॉमर्शियल विभागों मंे विशिष्ट कार्य करते हुए उच्च तकनीकी पदों पर सेवाएं प्रदान कर चुके हैं।

शर्मा ने उत्तर क्षेत्रीय पावर समिति की सुरक्षा प्रणाली उपसमिति में बतौर सदस्य तीन वर्ष तक उत्पादन निगम का प्रतिनिधित्व किया है। वे प्रमुख विद्युत उपकरणों यथा जनरेटर, ट्रांसफार्मर की खराबियों की जांच के लिए गठित क्षेत्रीय समितियों के विशेषज्ञ सदस्य भी रहे है। उनका मुख्य फोकस उत्पादन निगम के सभी विद्युतगृहों के सुचारू संचालन, राज्य सरकार की बजट घोशणाओं की क्रियान्विति में नई परियोजनाओं के कार्य को गति देना एवं कर्मचारियों की कार्यदक्षता बढ़ाने पर रहेगा।

राजस्थान को बिजली संकट से उबारा-

सीएमडी आरके शर्मा ने अपनी प्रबंधकीय व उच्च तकनीकी कार्यकौशल से देशभर में व्याप्त कोयला संकट के दौरान छत्तीसगढ का दौरा कर कोयला संकट से जूझ रहे राजस्थान के सभी तापीय विद्युतगृहों को कोयला उपलब्ध करवाया तथा प्रदेश के बिजलीघरों में निरंतर विद्युत उत्पादन बाधित नहीं होने दिया। उन्होंने सूरतगढ सुपर थर्मल की लंबे समय तक बंद इकाइयों को फिर से चालू करवाया। साथ ही, जवाहर सागर पन बिजलीघर की बंद इकाइयों को भी पुनः चालू कर निगम को आर्थिक लाभ पहुंचाया। वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट में घोषित छबडा व झालावाड में नई सुपर क्रिटिकल इकाइयों को निर्धारित समय में स्थापित करने पर जोर दे रहे हैं। उच्च तकनीकी क्षेत्र में लम्बा अनुभव होने से उन्होंने विद्युत उत्पादन निगम को अग्रणी बनाने के लिये कई दूरगामी कदम उठाये, जिससे राजस्थान में बिजली संकट की स्थिति पैदा नहीं हुई।