निजी चिकित्सालय में ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

निजी चिकित्सालय में ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

चित्तौड़गढ़ 31 मई । शहर के सदर थाना इलाके में स्थित एक निजी चिकित्सालय में ऑपरेशन के दौरान मंगलवार रात को महिला की मौत हो जाने से परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। महिला के पेट में पथरी की शिकायत हुई थी। महिला की मौत के बाद बड़ी संख्या में चिकित्सालय में परिजनों की भीड़ जुट गई और लापरवाही का आरोप लगाया। साथ ही 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की। मामले की जानकारी मिली तो सदर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची।

जानकारी में सामने आया कि चटावटी निवासी राशमी निवासी हजारी गाडरी (35) पुत्र शंकर गाडरी अपनी पत्नी रतनी गाडरी (32) को लेकर चित्तौड़गढ़ शहर स्थित लक्ष्य हॉस्पिटल लेकर आया। इसे पथरी की शिकायत थी, जिसको निकलने के लिए ऑपरेशन करवाना था। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर भी यही बोल कर ऑपरेशन के लिए लेकर गए लेकिन बच्चेदानी का ऑपरेशन कर दिया। इसके कुछ देर बाद ही महिला की मौत हो गई। महिला के मौत के बाद सभी डॉक्टर मौके से भाग निकले परिजनों को पता चला तो चिकित्सालय में हंगामा हो गया। मृतका के पति हजारी गाडरी का कहना है कि मौत के बाद डॉक्टरों ने अचानक से कह दिया कि 1500 रुपये लो और यहां से अभी शव लेकर चले जाओ। यह सुन कर परिजनों को गुस्सा आ गया। उसके बाद मौके पर पीड़ित ने अपने परिजनों और ग्रामीणों को मौके पर बुला लिया। रात करीब 9 बजे हंगामा शुरू हुआ, जो देर रात पौने बारह तक चलता रहा। महिला के परिजन और ग्रामीण हॉस्पिटल के बाहर डटे रहे और कानूनी कार्यवाही के साथ मुआवजे की मांग करने लगे। सैकड़ों की तादाद में आई भीड़ को देखते हुए सदर सीआई हरेंद्रसिंह सौदा मय जाब्ता मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों के बीच वार्ता शुरू हुई। आर्थिक मुआवजे के आश्वासन के बाद विरोध खत्म हुआ।

परिजनों का आरोप है कि इस ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल से 25 हजार रुपए की मांग की गई थी। बदले में हजारी गाडरी केवल 15 हजार रुपए ही जमा कर पाया और 10 हजार रुपए जमा करना शेष था। हजारी गाडरी ने बताया कि यह स्वाति सिंह, अशोक धाकड़, निधि जोशी और विकास आंजना इन चारों डॉक्टर ने मिलकर ऑपरेशन किया था। बात सिर्फ किडनी स्टोन की ही आई थी। वही, हॉस्पिटल मैनेजमेंट से डॉक्टर अशोक कुमार सोनी का कहना है कि महिला की ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो रही थी । उसने बच्चेदानी को लेकर ही ऑपरेशन करने के लिए कहा था। दोपहर 2 बजे महिला को हॉस्पिटल लाया गया। शाम 4 बजे उसका ऑपरेशन शुरू हुआ। लेकिन उसका बीपी बढ़ गया जो कंट्रोल नहीं हुआ और उसकी मौत हो गई। इधर, गाडरी समाज के आशीष गाडरी ने बताया कि ऑपरेशन के पहले कई टेस्ट हुए थे, जिसमें मृतक रतनी बाई की हिमोग्लोबिन काफी कम था। लेकिन ऑपरेशन के दौरान उसे पहले ब्लड भी नहीं चढ़ाया गया था। परिजनों ने ऑपरेशन थिएटर से शव को बाहर नहीं निकलने दिया।