जंगल कटाई और कोयला खनन ने तालचेर को बनाया तपता तवा

जंगल कटाई और कोयला खनन ने तालचेर को बनाया तपता तवा

अंगुल: तालचेर औद्योगिक क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने के कारण भीषण गर्मी ने अपनी चपेट में ले लिया है।

कोयला क्षेत्र में तापमान में असामान्य वृद्धि के कारण दैनिक जीवन प्रभावित हुआ है। इसके कई कारण हैं, जिनमें खुले कोयला खनन कार्य, जंगल कवर की कमी, खदानों में कोयले की आग और खदानों के आसपास हजारों कोयला ढोने वाले वाहनों का आवागमन शामिल हैं।

ये वाहन परिवहन के दौरान भारी मात्रा में धूल और गर्मी उत्सर्जित करते हैं, और इन क्षेत्रों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पानी छिड़कने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा, कोयला खदानों में कोयला सीम के खुले होने से दिन में गर्मी अवशोषित होती है और शाम को यह गर्मी छोड़ती है, जिससे आसपास का वातावरण गर्म रहता है।

तालचेर-अंगुल बचाओ आंदोलन (TABA) के संयोजक जगदानंद प्रधान ने सरकार की निष्क्रियता की आलोचना की, क्योंकि निवासी भीषण गर्मी, धूल प्रदूषण और पानी की कमी से जूझ रहे हैं। उन्होंने गर्मी के मौसम में कोयला खनन गतिविधियों के कारण तालचेर में अत्यधिक गर्मी पर चिंता व्यक्त की और गर्मी को नियंत्रित करने व जनता को राहत प्रदान करने के लिए व्यापक उपायों की मांग की।

उप-कलेक्टर समीर जेना ने कहा कि क्षेत्र की सभी औद्योगिक इकाइयों को अ16 से अधिक गर्मी की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उप-विभागीय प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए अपनी मशीनरी को तैयार कर लिया है।